

कोलकाता: ताजपुर के गहरे समुद्री बंदरगाह निर्माण परियोजना से अडाणी समूह को हटा दिया गया है। राज्य सरकार इस परियोजना के लिए फिर से नया टेंडर निकालेगी। सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार, ताजपुर बंदरगाह बनाने के लिए पहले राज्य मंत्रिमंडल ने अडाणी समूह को ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ देने की सहमति दी थी। अब इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
यह परियोजना अब अडाणी समूह के हाथ में नहीं रहेगी
ताजपुर में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड तकनीक पर बंदरगाह बनाने की योजना राज्य सरकार ने बनाई थी। इसके आधारभूत संरचना निर्माण में अतिरिक्त लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की बात थी। टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से अडाणी समूह को इस परियोजना की जिम्मेदारी दी गई थी। प्राथमिक रुचि पत्र या ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 अक्टूबर 2022 को सरकारी विजया सम्मेलन के दौरान अडाणी समूह के प्रमुखों में से एक करण अडाणी को सौंपा था। हालाँकि इसके बाद कई बार इस गहरे समुद्री बंदरगाह को लेकर अटकलें लगती रहीं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से कभी यह नहीं कहा गया कि अडाणी समूह इस परियोजना से हट गया है। पिछले फरवरी में विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस मीटिंग में उनसे पूछा गया था कि क्या ताजपुर में अडानी का टेंडर रद्द कर दिया गया है। जवाब में मुख्यमंत्री का संक्षिप्त जवाब था, "इसका जवाब सीएस (मुख्य सचिव मनोज पंत) देंगे। हम इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं।" नवान्न सूत्रों के अनुसार, ताजपुर बंदरगाह निर्माण की निविदा में सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी एपीएसईजेड (अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन) को यह काम सौंपा गया था। इसके लिए केंद्र सरकार के गृह, रक्षा, विदेश और जहाजरानी मंत्रालय से आवश्यक मंजूरी मांगी गई थी। लेकिन अंततः यह परियोजना अब अडाणी समूह के हाथ में नहीं रहेगी। खबर है कि राज्य सरकार इस परियोजना को अब नए सिरे से टेंडर के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहती है।