‘बंगाल में जैसी स्थिति होगी वैसी कार्रवाई होगी’ | Sanmarg

‘बंगाल में जैसी स्थिति होगी वैसी कार्रवाई होगी’

मैं अपने कर्तव्य का पालन कर रहा हूं
राजभवन में पहुंचीं राजनीतिक धमकियाें सहित सैकड़ों शिकायतें
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंदा बोस द्वारा राजभवन में स्थापित ‘पीस रूम’ (शांति कक्ष) को सैकड़ों शिकायतें मिली हैं जिनमें शारीरिक हमले और राजनीतिक धमकी की शिकायतें भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस पीस रूम को लेकर तृणमूल ने सवाल उठाये हैं। सोमवार को राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में जैसी परिस्थिति है वैसा ही एक्शन लिया जा रहा है। वे संविधान में रहकर ही काम कर रहे हैं। वे अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। मुट्ठी भर ‘उपद्रवी’ राज्य की शांति और सौहार्द को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व परिस्थिति, अभूतपूर्व कार्रवाई की मांग करती है और संविधान के दायरे में रहकर हर संभव कदम उठाया जाएगा। टीएमसी द्वारा राज्य में उनके मूवमेंट की आलोचना करने पर राज्यपाल ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा बाहर जो बात की जाती है, वह उनका अधिकार है। मैं अपना कर्तव्य निभाऊंगा। मुझे लगता है कि ‘शांति कक्ष’ खोलने का फैसला सही है। राज्यपाल राजभवन से समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहे हैं, इस सवाल का जवाब दिये बिना राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा, क्या किसी और के पास कोई सवाल है? राज्यपाल ने यह भी कहा कि शांति और सद्भाव सबसे महत्वपूर्ण चीज है। राजभवन जो कर रहा है वह लोगों के मन में विश्वास बहाल कर रहा है। शासक और शासित के बीच की खाई को पाटने का काम किया जा रहा है। चुनाव आयोग को भी शांति व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण कहने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री लोगों का निर्वाचित नेता होता है। मुख्यमंत्री की धारणा राज्यपाल से अलग हो सकती है। राजनीति का व्याकरण और शासन का व्याकरण अलग है। मैं संवैधानिक सहयोगी द्वारा किए गए आकलन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
भांगड़, मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों से आये फोन
जानकारी के मुताबिक शिकायतों में दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़, मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों से शिकायतें आ रही हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में राज्यपाल के हालिया दौरे के बाद स्थापित किया गया ‘शांति कक्ष’ लोगों के लिए शिकायत निस्तारण का एक प्रभावी मंच बन गया है। ‘शांति कक्ष’ के कर्मचारियों ने शिकायतों को लेकर तत्काल कदम उठाने और उचित कार्रवाई के लिए उन्हें राज्यपाल के पास भेजा है।

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