

कोलकाता: जापान के बाद अब दक्षिण कोरिया के सियोल से तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने करारा संदेश देते हुए कहा कि पाकिस्तान को दिये जाने वाले किसी भी समर्थन को आतंकी संगठन को समर्थन के तौर पर देखा जाना चाहिए। अभिषेक ने कहा, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अब भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं है, यह अब वैश्विक लड़ाई बन गयी है। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी हरकतें भारत की आर्थिक वृद्धि को अस्थिर करने के उद्देश्य से की जा रही हैं।
आप गोली चलाइये, हम भी गोली चलायेंगे
सियोल में कोरियाई थिंक टैंक के साथ एक उच्च स्तरीय वार्ता में अभिषेक ने कहा, हम पूरी विनम्रता और शालीनता के साथ यह बार-बार कहते रहे हैं कि पाकिस्तान किस तरह से अपनी ज़मीन पर आतंकवादियों को पनाह देता रहा है। अगर आप भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में देखें तो दोनों में बहुत फर्क है। भारत ने बहुत तेजी से तरक्की की है जबकि पाकिस्तान अपनी आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है। पहलगाम में हुआ हमला इस बात का सबूत है कि वह नहीं चाहता कि भारतीय अर्थव्यवस्था समृद्ध हो। यह एक ऐसा संदेश है जिसे हम दुनिया तक पहुँचाना चाहते हैं क्योंकि हमारे कई प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं। मुंबई हमले का उदाहरण देते हुए अभिषेक ने कहा, मुख्य आरोपित अजमल कसाब जिसे तब भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था, ने कबूल किया था कि उसे पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था और वहीं पाला गया था। जब इस साल 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, तो हमें उम्मीद थी कि पाकिस्तान न्याय करेगा और अपराधियों को सजा दिलाएगा। हमने 14 दिनों तक धैर्यपूर्वक इंतजार किया और फिर लगभग 2 सप्ताह के इंतजार के बाद 7 मई को हवाई हमले किए। हमने एक भी नागरिक की जान को जोखिम में डाले बिना 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यही भारत है। उन्होंने कहा, हमारा रुख पहले दिन से ही स्पष्ट रहा है - आप गोली चलाइये, हम भी गोली चलायेंगे, आप रुके तो हम भी रुक जायेंगे। एक तरफा कार्रवाई या प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं कर सकते।
सांप तो सांप ही रहता है
अभिषेक ने कहा, सांप तो सांप ही रहता है, एक बार जब वह बाहर निकल जाता है तो वह जिसे चाहे काट सकता है। सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में अभिषेक बनर्जी ने दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ताए-युल के साथ एक बैठक में भाग लिया, जिसमें भारत-कोरिया रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसी भूमि से आता हूं, जहां हर दक्षिण कोरियाई व्यक्ति के साथ हमारा एक विशेष रिश्ता है। मैं रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि से आता हूं और उनकी कविता 'द लैंप ऑफ द ईस्ट' को यहां स्कूली बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में विशेष स्थान मिला है।