राज्य में मतदाता सूची में संशोधन की तैयारी तेज, एक हफ्ते में मिले 75 हजार आवेदन

सांकेतिक चित्र
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कोलकाता : बिहार के बाद अब बंगाल में भी मतदाता सूची में विशेष संशोधन (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। चुनाव आयोग सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया अगस्त महीने से शुरू की जा सकती है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक मामले के निर्णय पर निर्भर करेगी। उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई को बिहार की मतदाता सूची संशोधन से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। अदालत की अनुमति मिलने पर बंगाल में भी मतदाता सूची में विशेष संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार, दुर्गा पूजा से पहले यह प्रक्रिया पूरी करनी जरूरी है, क्योंकि सितंबर के अंतिम सप्ताह से त्योहारों का मौसम आरंभ हो जाएगा। यदि समय पर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई, तो इसे नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक टालना पड़ सकता है। सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, 'सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं, अब सिर्फ आयोग की अधिसूचना का इंतजार है। इसकी घोषणा किसी भी दिन हो सकती है।' इस बीच, राज्यभर में मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधारने के लिए भारी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। आयोग सूत्रों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में ही 75,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। सीमावर्ती जिलों में सबसे अधिक आवेदन दर्ज मिले हैं।

बीएलओ और सुपरवाइजरों के वेतन में भारी बढ़ोतरी

वहीं इस बीच चुनाव आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और बीएलओ सुपरवाइजरों के वार्षिक वेतन में बड़ा संशोधन किया है। 24 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब बीएलओ को सालाना 12,000 रुपये और बीएलओ सुपरवाइजर को 18,000 रुपये वेतन दिया जाएगा। यह बढ़ोतरी पहले की तुलना में लगभग दोगुनी है। इसके साथ ही, आयोग ने विशेष ड्राइव और मतदाता सूची संशोधन कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले बीएलओ को अतिरिक्त 2,000 रुपये का इंसेंटिव देने की भी घोषणा की है। यह प्रोत्साहन राशि अलग से दी जाएगी ताकि मतदाता सूची सुधार और नये नाम जोड़ने के काम को तेजी से पूरा किया जा सके। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह नया वेतन ढांचा 2015 की पुरानी अधिसूचना को रद्द कर लागू किया जा रहा है। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं कि वे इसे तुरंत लागू करें और संबंधित बीएलओ व सुपरवाइजरों को इसकी सूचना दें।

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