

कोलकाता : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में SIR की निगरानी के लिए तीन चुनाव अधिकारियों को नियुक्त किया है। इन अधिकारियों में बीसी पात्रा, सौम्यजीत घोष, और बिभोर अग्रवाल शामिल हैं। यह कदम SIR कार्यों में हो रही देरी को लेकर उठाया गया है, जिससे चुनाव आयोग को गहरी चिंता हो रही थी।
अधिकारियों की नियुक्ति की ज़रूरत क्यों पड़ी : पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट की पुनरावलोकन और अपडेट का कार्य चल रहा है। इसमें चुनाव आयोग को कुछ देरी का सामना करना पड़ रहा है। आयोग का मानना है कि राज्य में SIR की प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है, खासकर जब डेटा के डिजिटाइजेशन और मतदान सूची के अपडेट की बात आती है।
आयोग ने इन तीनों अधिकारियों को राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल के अधीन काम करने का आदेश दिया है। उनका कार्य SIR के काम की निगरानी करना, रिपोर्ट तैयार करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों। ये अधिकारी अपनी रिपोर्ट सीधे आयोग को सौंपेंगे।
आयोग के कदम से बदलाव की उम्मीद
चुनाव आयोग की ओर से यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वह इस प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर गंभीर है और जल्द से जल्द इसे हल करना चाहता है। अधिकारियों की नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि SIR की प्रक्रिया को गति मिलेगी और चुनावी तैयारियां समय पर पूरी होंगी।
आगे की योजना
अब इन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वोटर लिस्ट का अपडेट प्रक्रिया पूरी हो, ताकि आगामी चुनावों के लिए वोटर्स लिस्ट सटीक और अद्यतित हो। उनके काम के तहत, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में सभी संबंधित प्रक्रियाएं सही तरीके से चल रही हों।
चुनाव आयोग की गंभीरता और जिम्मेदारी
राज्य में SIR के तहत हो रहे काम में देरी के आरोप पहले से ही सामने आ चुके थे। इसे ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इस प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी के लिए विशेषज्ञ अधिकारियों की नियुक्ति की है। खासतौर पर यह कदम उस समय उठाया गया है जब वोटर लिस्ट के अपडेट का कार्य अगले चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है।