

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : : पश्चिम बंगाल में विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 13,955 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी। पश्चिम बंगाल में फिलहाल 63,997 करोड़ रुपये के निवेश वाली लगभग 45 नई परियोजनाएं चल रही हैं। साथ ही अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पश्चिम बंगाल में 3,847.5 करोड़ रुपये की लागत से कुल 101 रेलवे स्टेशनों का विकास कार्य किया जा रहा है। रेल मंत्री ने बताया कि जब बंगाल की सीएम रेल मंत्री के पद पर थीं उस समय के मुताबिक मोदी सरकार से शासनकाल में 3 गुना ज्यादा बजट राशि रेलवे के लिए आवंटित की गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही बंगाल से नमो भारत और स्लीपर वर्जन वाली वंदे भारत ट्रेन रवाना होंगी। पश्चिम बंगाल में 9 जिलों को कवर करते हुए 9 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनमें 12 विशेष स्टॉपेज हैं। इस दौरान पूर्व रेलवे के एडिशनल जनरल मैनेजर सुमित सरकार के साथ अन्य गणमान्य मौजूद थे।
भूमि अधिग्रहण और सुरक्षा व्यवस्था में राज्य सरकार का सहयोग चाहिए
रेल मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर भूमि अधिग्रहण की समस्या को लेकर रेल परियोजनाएं बाधित हो रही हैं। बंगाल का रेलवे में 68,000 करोड़ रुपये का वर्तमान में निवेश है। उन्होंने राज्य सरकार से भूमि अधिग्रहण और कानून व्यवस्था के मुद्दों को सुलझाने का अनुरोध किया, ताकि इन निवेशों और परियोजनाओं का लाभ नागरिकों तक पहुंच सके। उन्होंने राज्य सरकार से निवेदन किया है कि वह केंद्र सरकार की सहायता करें। 2014 से अबतक यूएई में जितना ट्रैक का काम नहीं हुआ है, उससे ज्यादा पिछले 10 वर्षों में राज्य में 1293 किमी. ट्रैक का काम किया गया है। 3,337 किमी. में कवच का काम चल रहा है। वहीं कोलकाता मेट्रो में पिछले 10 सालों में 31 किमी. के ट्रैक का काम किया गया है। हालांकि भूमि अधिग्रहण की वजह से कई मेट्रो परियोजनाएं रुकी हुई है। ईस्ट वेस्ट मेट्रो की जमीन को लेकर अभी कुछ समस्याएं हैं, मगर उनका समाधान हो जाएगा।
भूमि अधिग्रहण की वजह से सीर्फ एक परियोजना हो पाई पूरी
पूर्व रेलवे के एडिशनल जनरल मैनेजर सुमित सरकार ने बताया कि अजीमगंज-जियागंज परियोजना, जो कई सालों से भूमि अधिग्रहण की वजह से रुकी हुई थी और जिसका जिक्र पिछले साल के बजट के बाद भी रेल मंत्री ने किया था, वह इस बार पूरी हो गई है। साथ ही तारकेश्वर से बिष्णुपुर और सैंथिया बाईपास की परियोजना, जो काफी महत्वपूर्ण है और भूमि अधिग्रहण की वजह से पूरी नहीं हुई है, राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि इसे जल्द ही पूरा करने की ओर ध्यान दें।