मिथिला समाज की महिलाओं ने मनाया मधुश्रावणी उत्सव

मिथिला संस्कृति पर आधारित मधुश्रावणी उत्सव मनाया गया
मिथिला समाज की महिलाओं ने मनाया मधुश्रावणी उत्सव
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बर्नपुर : मिथिला संस्कृति पर आधारित मधुश्रावणी सह सावन उत्सव बर्नपुर मिथिला चेतना संस्कृति कार्यालय में धूमधाम के साथ मनाई गई। गौरतलब है कि मिथिला संस्कृति पर आधारित मधुश्रावणी सावन शुक्ल के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि गुरुवार से शुरू हो गई है, जिसका समापन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया सात अगस्त को किया जाएगा। 14 दिनों तक चलने वाले मधुश्रावणी व्रत को लेकर महिलाएं यह व्रत करती हैं। मिथिला चेतना संस्कृति की सरोज झा ने बताया कि इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसमें महादेव गौरी, नाग-नागिन की मूर्ति स्थापित कर कई तरह के फूलों से पूजा-अर्चना की जाती है और फल, मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है। पहली बार पूजा करने के लिए नवविवाहिताओं को विशेष पूजा करनी पड़ती है। वहीं महिलाओं ने बताया कि मधुश्रावणी व्रत मैथिल समाज की नवविवाहिताओं के लिए बहुत ही खास महत्व रखता है। इसमें 14 दिनों तक शिव-पार्वती तथा नाग-नागिन की मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है। मधुश्रावणी त्योहार मूलत: अखण्ड सौभाग्यवती होने की कामना के लिए किया जाता है। इस मौके पर मिथिला समाज की कई महिलाएं उपस्थित थीं।

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