

आसनसोल : रानीगंज के डॉक्टर कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति से 15 करोड़ 93 लाख 90 हजार रुपये की ठगी करने से संबंधित मामले में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की आसनसोल साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड पर लिया था। रिमांड पर लिए गए अभियुक्तों में भास्कर घोष तथा वसीम हुसैन शामिल थे। वहीं उनकी रिमांड अवधि समाप्त होते ही उन्हें पुनः शनिवार को आसनसोल जिला अदालत के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। मामले के जांच अधिकारी ने इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर उक्त कांड में शामिल कुछ अन्य अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी समेत मामले पर अपनी विशेष छानबीन करने का हवाला देते हुए अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेने की अपील अदालत से की। अदालत ने अभियुक्तों की जमानत अर्जी रद्दकर उन्हें दोबारा 4 दिनों की रिमांड पर पुलिस के साथ भेज दिया।
क्या था पूरा मामला
बीते 28 नवंबर को रानीगंज के डॉक्टर्स कॉलोनी निवासी सह शिकायतकर्त्ता को "मोनार्च वीआईपी" नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया था। 23 अक्टूबर को उन्होंने ग्रुप में प्रतिक्रिया दी और उन्हें ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए मना लिया गया और उन्होंने अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी साझा की थी। हालांकि उनके निर्देशों के अनुसार, उन्होंने गूगल प्ले स्टोर से "मोनार्च फिन" नामक एक एप्लिकेशन भी डाउनलोड किया था। वहीं 24 अक्टूबर को उन्होंने अपने एचडीएफसी बैंक के माध्यम से उनके द्वारा दिए गए विवरण में 50 हजार रुपये का पहला निवेश भी किया था, जबकि "मोनार्च वीआईपी" नामक व्हाट्सएप ग्रुप की एक महिला इस पूरे काम को संभाल रही थी। ग्रुप एडमिन की पहचान अनुश्री शाह के रूप में हुई थी, जो कई व्हाट्सएप नंबरों से ग्रुप भी चलाती थी। शिकायतकर्ता ने 24 अक्टूबर से 25 नवंबर तक कुल 15 करोड़ 83 लाख 90 हजार रुपये का निवेश किया था। वहीं विश्वास जीतने के लिए शिकायतकर्ता को मोनार्च नेटवर्क कैपिटल के जाली दस्तावेज भी मिले थे, जिनमें सेबी पंजीकरण संख्या भी अंकित थी। वहीं जब उसने अपना रिटर्न वापस लेने का प्रयास किया, तो वह उसे वापस नहीं ले पाया। संपर्क करने पर, उन्होंने कमीशन के रूप में लगभग 12.5 करोड़ की अतिरिक्त जमा राशि की मांग की थी। इससे शिकायतकर्ता को संदेह हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर निवेश के घोटाले में बहुत बड़ी धोखाधड़ी हुई है।