दूसरे का खाता इस्तेमाल कर अवैध लेनदेन करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार

नौकरी एवं ऊपरी कमाई का झंसा देकर करते हैं खाते का उपयोग
दूसरे का खाता इस्तेमाल कर अवैध लेनदेन करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
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आसनसोल : आसनसोल के कन्यापुर स्थित गोविंदपुर निवासी एक युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी करने से संबंधित मामले में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की आसनसोल साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में अमृत चटर्जी तथा अभिजीत प्रसाद शामिल हैं। उन्हें गुरुवार को आसनसोल जिला अदालत के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। मामले के जांच अधिकारी ने इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर उक्त कांड में शामिल कुछ अन्य अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी समेत मामले पर अपनी विशेष छानबीन करने का हवाला देते हुए अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेने की अपील अदालत से की। अदालत ने अभियुक्तों की जमानत अर्जी रद्दकर उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर पुलिस के साथ भेज दिया।

क्या है पूरा मामला

बताया जाता है कि बीते अक्टूबर माह में नौकरी की तलाश करते समय शिकायतकर्ता जीत माजी के एक मित्र के माध्यम से उसकी मुलाकात आकाश प्रसाद कुशवाहा नामक एक युवक से हुई। उसने शिकायतकर्ता को अपने मित्र अमृत चटर्जी से मिलवाया था। उन्होंने दावा किया था कि वे क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग में शामिल हैं तथा विभिन्न पक्षों से उनके काफी घनिष्ठ संबंध हैं और उसे नौकरी दिलाने में मदद करने का भी आश्वासन दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराकर कुछ पैसे कमाए जा सकते हैं और इसके लिए उसे एक नया बैंक खाता खोलने के लिए कहा गया। वहीं शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसे बैंक जाने की जरूरत नहीं है, उसका खाता वीडियो केवाईसी के जरिए ही खुल जाएगा। शिकायतकर्ता को बैंकिंग प्रक्रियाओं की ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए वह उनकी बातों पर भरोसा कर बैठे थे। हालांकि वीडियो केवाईसी के दौरान उसे एक मोबाइल नंबर और एक जीमेल पता दर्ज करने के लिए कहा गया, जो शिकायतकर्ता का नहीं था। इसके साथ ही उसके आधार कार्ड से भी लिंक नहीं था। उसने तुरंत आपत्ति जताई और कहा कि वह गलत मोबाइल नंबर और जीमेल पता नहीं दे सकते। उसकी आपत्ति के बावजूद, अभियुक्तों ने जोर देकर कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए यह जरूरी है और उसे आश्वासन दिया गया कि कुछ भी अवैध तरीके से नहीं होगा, जबकि शिकायतकर्ता ने इनकार कर दिया। वहीं बीते 15 दिसंबर को शिकायतकर्ता को तेलंगाना साइबर क्राइम पुलिस से एक नोटिस मिला, तभी उसे पता चला कि कोटक महिंद्रा बैंक में उसके नाम से एक बैंक खाता खोला गया था, जिसमें साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से 6 लाख रुपये की विवादित राशि जमा भी की गई थी। स्थानीय बैंक और साइबर क्राइम थाने से संपर्क करने पर पता चला है कि उक्त बैंक खाते के खिलाफ एनआरसीपी पोर्टल पर 3 शिकायतें पहले से ही दर्ज की गई हैं। इसके बाद शिकायतकर्ता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी।

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