

दुर्गापुर : दुर्गापुर में दामोदर वैली कॉरपोरेशन के अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर एक बार फिर से टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। शनिवार को डीवीसी की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत की गई थी। इस दौरान बस्ती की महिलाओं ने अपने हाथों में झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया एवं डीवीसी अधिकारियों का घेराव किया। वहीं देखते ही देखते तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। दुर्गापुर दामोदर वैली कॉर्पोरेशन की जमीन पर वर्षों से बसी झुग्गी-बस्ती (बस्ती) को हटाने के प्रयासों को डीटीपीएस इलाके की अर्जुनपुर (डांगपाड़ा) बस्ती में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। अपनी भूमि का अधिग्रहण करने पहुंचे डीवीसी के अधिकारियों और लोगों के बीच भारी तनाव की स्थिति बन गई। डीवीसी के अधिकारी जमीन खाली कराने पहुंचे तो बस्ती के लोगों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान बस्ती की महिलाओं को हाथों में झाड़ू लिए हुए अत्यंत आक्रामक मुद्रा में देखा गया। उन्होंने अधिकारियों को आगे बढ़ने रोक दिया और स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर अपनी बस्ती नहीं छोड़ेंगी। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि इस जमीन पर लंबे समय से रह रहे हैं। अचानक उनके आशियाने तोड़ने पर उनके पास सिर छिपाने की कोई जगह नहीं बचेगी। अतिक्रमण हटाओ से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी। उसके बाद ही जमीन छोड़ने के बारे में सोचेंगे। बिना पुनर्वास के बस्ती खाली करना उन्हें किसी भी हालत में मंजूर नहीं है। इस कड़े विरोध के कारण डीवीसी अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को बीच में ही रोकना पड़ा। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस मामले में दामोदर वैली कॉर्पोरेशन के सीनियर जनरल मैनेजर अमित मोदी ने बताया कि 800 मेगावाट क्षमता का एक नया ताप विद्युत केंद्र (थर्मल पावर प्लांट) स्थापित हो रहा है। इसके लिए अर्जुनपुर क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। अमित मोदी ने कहा कि बस्तीवासियों के विरोध के कारण परियोजना के काम में गंभीर बाधा आ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह से रुकावटें जारी रहीं तो डीवीसी को इस ताप विद्युत परियोजना को कहीं और स्थानांतरित करने पर विचार करना पड़ सकता है। फिलहाल बस्ती के लोग पुनर्वास की मांग पर डटे हुए हैं। वहीं प्रशासन परियोजना कार्य को आगे बढ़ाने के दबाव में है। इस टकराव को समाप्त करने और एक स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए बातचीत शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।