

सांकतोड़िया : भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के आह्वान पर केंद्र सरकार और कोल इंडिया की कथित मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आठ सूत्री मांगों को लेकर बीएमएस द्वारा घोषित आंदोलन के समर्थन में सोदपुर एरिया की बैजडीह कोलियरी में मंगलवार को पथसभा की गई। जयनाथ चौबे के नेतृत्व में हुई इस पथसभा में नेताओं ने मजदूरों को संबोधित करते हुए घोषित आंदोलन की रूप-रेखा के बारे में जानकारी दी। बीएमएस के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयनाथ चौबे ने कहा कि पूरे देश का कोयला मजदूर एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां जरा-सी लापरवाही उसके भविष्य को बिगाड़ सकती है। इसलिए सजग रहें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए संगठन के साथ खड़े रहें। उन्होंने कहा कि सरकार एवं कोल इंडिया प्रबंधन कोयला मजदूरों के अस्तित्व को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, भारतीय मजदूर संघ ऐसा कभी नहीं होने देगा।
कामगारों की लड़ाई लड़ता रहा है बीएमएस - मृत्युंजय
खान श्रमिक कांग्रेस के महामंत्री मृत्युंजय सिंह ने कहा कि कोयला उद्योग से जुड़े मजदूरों और कामगारों की लड़ाई में बीएमएस अग्रणी रहा है। हम निरंतर कोयला मजदूरों की आवाज बनकर उनके अधिकार के लिए लगातार लड़ रहे है और लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीति से सार्वजनिक उपक्रम को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ेगा। कोयला उद्योग को पुनः निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है। इसे रोकने के लिए एकजुटता के साथ आंदोलन करना होगा। मालूम हो कि भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने 31 जुलाई तक ईसीएल मुख्यालय के मुख्य द्वार सहित सभी कोयला खदानों में पथसभा आयोजित करने की घोषणा की है। इसके बाद 5 से 14 अगस्त तक, वे ईसीएल के सभी क्षेत्रों और खदानों के आसपास के क्षेत्रों और गांवों में जनसंपर्क और जागरूकता अभियान चलाएंगे। 25 अगस्त से 5 सितंबर तक नुक्कड़ सभाएं और आम सभाएं होंगी, और 15 सितंबर को ईसीएल के क्षेत्रीय कार्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। यह जानकारी धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ (भामसं) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।