

मिदनापुर : वन विभाग हाथियों को लेकर उपजी समस्याओं को स्थाई रुप से समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प है। जिसके कारण रात के अंधेरे में भी हाथियों की हरकतों पर नज़र रखने के लिए नई टेक्नोलॉजी लाई जा रही है। थर्मल ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मिदनापुर और खड़गपुर डिवीजन में रात के अंधेरे में भी हाथियों की हरकतों पर नज़र रखी जाएगी। वन विभाग का मानना है कि इस टेक्नोलॉजी से हाथियों को उनके इलाकों से भगाने में काफी मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों से जंगली हाथी गांव में घुस कर लोगों के घरों, दुकानों, स्कूलों आदि पर हमले कर रहें हैं। जिसके परिणामस्वरुप फसलों और घरों को बड़े पैमाने पर नुकसान के अलावा जंगल में रहने वाले बेगुनाह लोग भी अपनी जान गंवा रहे हैं। पिछले एक साल में, अकेले मिदनापुर डिवीजन में सैकड़ों हेक्टेयर ज़मीन पर धान और अन्य फसलों को नुकसान पहुँचा है। इस साल, मिदनापुर फॉरेस्ट डिवीजन के तहत अलग अलग इलाकों में हाथियों के हमलों में 3 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, हाथियों के हमलों में 4 लोग घायल हुए हैं। हाथी व इंसान के बीच टकराव को रोकने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पहले भी कई कदम उठाए हैं। हालांकि, वे दिन के उजाले में थे। अंधेरा होते ही हाथियों का आवागमन वन विभाग के कंट्रोल में नहीं रहता था। इस वजह से, हाथियों के झुंड इलाकों पर हमला कर देते थे। अब थर्मल ड्रोन टेक्नोलॉजी के ज़रिए रात के अंधेरे में भी हाथियों के मूवमेंट को ट्रैक किया जाएगा। घने अंधेरे या घने कोहरे में जंगल में दृश्यता कम होती है। ऐसे में, खास थर्मल ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हाथियों के झुंड की जल्दी पहचान की जा सकेगी। इससे जैसे गांव वालों को चेतावनी देना मुमकिन होगा, वैसे ही वन विभाग भी सही समय पर हाथियों के झुंड को जंगल में भेजने का इंतज़ाम कर पाएगा। फॉरेस्ट स्टेट मिनिस्टर बीरबाहा हांसदा ने कहा, खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाह पर वन विभाग जंगल में हाथी-इंसान टकराव को खत्म करने की पहल कर रहा है। और इसीलिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। मिदनापुर रेंज के वन विभाग डीएफओ दीपक एम ने कहा कि हाथी-इंसान टकराव से बचने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इसमें सबसे नया नाम है थर्मल ड्रोन टेक्नोलॉजी का। हाथियों की सुरक्षा और जंगल में काम करने वालों की सुरक्षा बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। खड़गपुर डिवीज़न के डीएफओ मनीष यादव ने कहा, इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल खड़गपुर डिवीज़न में भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हाथियों इंसानों के बीच टकराव से बचने के लिए वन विभाग ने हाथियों के रहने की जगह को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। जंगल में पानी की जगहों को ठीक किया जा रहा है और हाथियों को पसंद आने वाले अलग-अलग तरह के पेड़ और घास जंगल में उगाए जा रहे हैं।