हाथियों को जंगल के अंदर ही रोकने के लिए वन विभाग लगाएगा 15 हजार कटहल के पौधे

जंगल में पर्याप्त भोजन न मिलने के कारण हाथियों के झुंड जंगल छोड़कर रात में बस्तियों में घुस रहे हैं
फाइल फोटो
फाइल फोटो
Published on

झाड़ग्राम  : झाड़ग्राम जिले के जंगल इलाके में रहने वाले लोग पिछले कई वर्षों से हाथियों के उत्पात से परेशान है। हाथियों के उपद्रव के कारण कई लोगों की जानें तक जा चुकी हैं। वन विभाग के अनुसार जंगल में पर्याप्त भोजन न मिलने के कारण हाथियों के झुंड जंगल छोड़कर रात में बस्तियों में घुस रहे हैं।
इस बीच हाथियों ने झाड़ग्राम के जंगल इलाके के अलावा पश्चिम मिदनापुर के जंगल इलाके से सटे गांव में तांडव मचा चुके हैं। जिसके कारण लोगों का गुस्सा वन विभाग के प्रति बढ़ता जा रहा है और वन विभाग हाथियों की समस्या को दूर करने के लिए प्रयासरत है। जानकारी मिली कि अब वन विभाग ने हाथियों के हमले से गांवों को बचाने के लिए 15 हजार कटहल के पेड़ लगाने का निर्णय लिया है। विभिन्न जंगलों में कटहल व अन्य फलों के पेड़ लगाए जाएंगे। पता चला है कि भोजन की कमी के कारण हाथी रात में जंगल से निकलकर बस्तियों में धावा बोल रहे हैं। कुछ दिन पहले दुबराजपुर में चार हाथियों ने एक पौधशाला में घुसकर उसे नष्ट कर दिया था। दुबराजपुर पंचायत सदस्य कुनाराम सोरेन ने कहा, लोग अंधेरा होने के बाद अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। सोमवार सुबह छह हाथियों का एक समूह गांव में घुस आया। रविवार की सुबह 20 हाथियों का एक समूह नेदाभरा ग्राम पंचायत के जारुलिया गांव के कंथालपारा में घुस आया और सात घरों को नष्ट कर दिया। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार जंगल में हाथियों के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है। खेतों में फसल नहीं है। हाथी भोजन की तलाश में गांव में प्रवेश कर रहे हैं। झाड़ग्राम वन विभाग हाथियों की भोजन की जरूरतों को पूरा करने और उन्हें जंगल में रखने के लिए कई कदम उठा रहा है। झाड़ग्राम वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस मानसून में झाड़ग्राम वन प्रभाग के हर जंगल में हाथियों के पसंदीदा भोजन के अनुसार फलों के पेड़ सहित विभिन्न पेड़ लगाए जाएंगे। इन सभी फलों के पेड़ों के साथ-साथ कटहल, बेल, आम, काजू और अंजीर के अलावा बांस भी लगाया जाएगा। वन विभाग ने बताया कि लोधाशूली रेंज और झाड़ग्राम रेंज को जोड़ने वाले कैमा, शालबनी, गढ़ शालबनी और जितुशोल इलाकों में बड़ी संख्या में आम, काजू और कटहल के बगीचे हैं। पेड़ों में फल लगने से लेकर फल पकने तक हाथी इस इलाके में प्रवेश करते हैं। वन विभाग उन्हें खदेड़ कर दूसरी जगह भेज देता है लेकिन वे फलों की तलाश में वापस आ जाते हैं। वन विभाग का मानना है कि अगर हाथियों को जंगल में रखा जाएगा तो शालबनी जंगल के साथ-साथ फलों के बगीचे भी बनाने होंगे। झाड़ग्राम डीएफओ ने बताया, हाथियों को आम और कटहल समेत कई तरह के फल खाना पसंद होता है। कटहल के 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे और पेड़ बड़े हो जाने पर हाथियों के इलाके में आने की प्रवृत्ति बहुत कम हो जाएगी।’ पौधे लगाने के लिए झाड़ग्राम वन विभाग के अंतर्गत जामबनी, झाड़ग्राम, गोपीबल्लभपुर, बलिभाषा की नर्सरियों में पौधे तैयार किए गए हैं। जामबनी की नर्सरी में करीब 45 हजार पौधे लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग हाथियों को जंगल में रखने के लिए फलदार पेड़ लगा रहा है। यह बहुत अच्छी पहल है लेकिन जब तक पेड़ बड़े होंगे और फल लगेंगे, तब तक हाथी कई गांव को तबाह कर देंगे। स्थायी समाधान के लिए अभी से पहल की जानी चाहिए।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in