
बर्नपुर : सेल आईएसपी के ठेका श्रमिकों के हित में मंगलवार को बर्नपुर इंटक कार्यालय में चारों श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक की। बता दें कि इस बैठक में इंटक से संबंद्ध ठेकेदार मजदूर कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा से संबंद्ध आयरन स्टील एंड इंजीनियरिंग वर्क्स यूनियन, सीटू से संबंद्ध आसनसोल, बर्नपुर, कुल्टी मेटल एडं इंजीनियरिंग वर्कर यूनियन एवं एआईटीयूसी से संबंद्ध यूनाइटेड कॉन्ट्रैक्टर्स वर्कर यूनियन के पदाधिकारी शामिल थे। बैठक में यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि सेल आईएसपी के ठेका कर्मचारियों के वेतन दर को लेकर राज्य सरकार व श्रम मंत्री को पत्र दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि पश्चिम बर्दवान में सेल के तीन बड़े प्लांट हैं और सभी प्लांटों का वेतन दर अलग-अलग है। उनकी मांग है कि सभी प्लांट में वेतन समान होना चाहिए।
बैठक में ठेका श्रमिकों के हित को लेकर बताई गई महत्वपूर्ण बातें
यूनियनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वेतन दर के साथ-साथ ठेका श्रमिकों के हित को लेकर भी राज्य सरकार एवं श्रम मंत्री को अवगत कराया गया है जिसमें कहा गया है कि सेल आईएसपी में काम करने वाले ठेका श्रमिकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए, साथ ही उन्हें सेफ्टी का सामना भी देना चाहिए। 26 दिन का ड्यूटी होना चाहिए। देखा जाता है कि किसी को 23 दिन तो किसी को 20 दिन की ड्यूटी रहती है, जिससे उनके ईएसआई पूरा नहीं हो पाता और इलाज कराने में असुविधा होती है। नाइट एवं हाउस एलाउंस मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 4.5 मिलियन टन का सेल आईएसपी का नया प्रोजेक्ट आ रहा है, जिसमें स्थानीय युवक-युवतियों को मौका मिलना चाहिए।
बैठक में थे उपस्थित
बैठक में आसनसोल आयरन स्टील वर्कर यूनियन के अध्यक्ष हरजीत सिंह, ठेकेदार मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष बिजय सिंह, आसनसोल-बर्नपुर-कुल्टी मेटल एडं इंजीनियरिंग वर्कर यूनियन के महासचिव सौरेन चट्टोपाद्याय, आयरन स्टील एंड इंजीनियरिंग वर्कस यूनियन के महासचिव मुमताज अहमद, यूनाइटेड कॉन्ट्रैक्टर्स वर्कस यूनियन के अध्यक्ष उत्पल सिन्हा, सुशील झा, आरएनसिंह, अशोक श्रीवास्तव एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
पार्षद ने यूनियनों के इरादों पर उठाया सवाल
वार्ड 78 के पार्षद अशोक रूद्र ने कहा कि सेल आईएसपी के अंदर के जितने भी श्रमिक संगठन हैं, अगर शुरू से इस मुद्दे को देखते तो आज ठेका श्रमिकों का शोषण नहीं होता और वे लोग आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होते। साथ ही उन्होंने बताया कि ठेका श्रमिकों के हित के लिए वे पिछले वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं और आज 30 पार्षद इस आंदोलन में शामिल हो गये। वहीं जब पार्षदों ने आंदोलन तेज किया तो ट्रेड यूनियन का इस पर ध्यान जा रहा है। उन्होंने श्रमिक संगठनों पर तंज कसते हुए कहा कि जब श्रमिकों की बातों को नहीं सुना गया तभी पार्षदों को आगे आना पड़ा। साथ ही उन्होंने कहा कि सेल आईएसपी में जो बहाली हो उसमें सबसे पहले स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।