

आसनसोल : जीटी रोड के किनारे सेंट जोसेफ हाई स्कूल के सामने अवैध रूप से दुकान चला रहे दुकानदारों को बीते 2 साल पहले निगम द्वारा हटाया गया था। उन्हें यह कहा गया था कि यहां पार्क बनाया जाएगा। सभी दुकानदारों को पुनर्वास दिया जाएगा। वहीं देखा जा रहा है कि पार्क में सिर्फ एक दुकानदार को दुकान दी गई है। वहीं बाकि 40 दुकानदारों को दुकान नहीं दी गई है। इसे लेकर मंगलवार को आईएनटीटीयूसी श्रमिक नेता राजू अहलूवालिया ने निगम के खिलाफ भ्रष्टाचार का संगीन आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। राजू अहलूवालिया ने कहा कि 41 दुकानदारों में से सिर्फ एक दुकानदार को पुनर्वास दिया गया है। बाकी 40 दुकानदारों को पुनर्वास नहीं दिया गया। बीते दो सालों से वे लोग पुनर्वास मिलने की आस में भटक रहे हैं लेकिन उन्हें कोई पुनर्वास नहीं दिया गया। राजू अहलूवालिया ने साफ कहा कि निगम में भ्रष्टाचार हुआ है और मेयर बिधान उपाध्याय, उपमेयर वशिमुल हक सहित अन्य अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है। कोई इस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने सवाल किया आखिर सिर्फ एक दुकानदार को पुनर्वास देने के पीछे किसका हाथ है। राजू अहलूवालिया से पूछा गया कि वे तृणमूल श्रमिक संगठन के नेता हैं। इसके बावजूद वह तृणमूल संचालित निगम पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप क्यों लगा रहे हैं। इस पर राजू अहलूवालिया ने कहा कि राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व में मां, माटी, मानुष की सरकार चल रही है जो कभी भी बिना पुनर्वास के किसी को हटाने में विश्वास नहीं रखती। निगम के कुछ पदाधिकारी ममता बनर्जी के आदर्श को नजरअंदाज कर काम कर रहे हैं। लोगों को बिना पुनर्वास के उन्हें हटाया जा रहा है जिससे निगम की बदनामी हो रही है। इसे लेकर वे राज्य की मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। वहीं उपमेयर वशिमुल हक से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वहां से हटाया गया था, उन्हें रवीन्द्र भवन के सामने निगम द्वारा बनाई गई दुकानें उपलब्ध कराई गई थीं। कुछ दुकानदारों ने दुकान ली, वहीं कुछ ने नहीं ली। वहीं जिन लोगों ने दुकान नहीं ली। उनलोगों बोला गया है कि भविष्य में इस तरह की कोई योजना आएगी तब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैकल्पिक दुकान उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं 41 दुकानदारों में से सिर्फ एक दुकानदार आसनसोल नर्सरी दिए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्क के रखरखाव के लिए उसे जिम्मेदारी दी गई है, वहां काम अभी पूरा नहीं हुआ है। पार्क का काम जब पूरा हो जाएगा तब उसे वहां से हटा दिया जाएगा।