

रानीगंज : गुरुवार की शाम रानीगंज चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सभाकक्ष में व्यवसायियों को साइबर क्राइम के प्रति सजग और जागरूक होने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया। रानीगंज चेम्बर ऑफ कॉमर्स, रोटरी क्लब एवं आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सिक्योरिटी सेल के संयुक्त तत्वावधान में साइबर क्राइम पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दिन साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक एवं सचेत करने के लिए साइबर सेल की पूरी टीम उपस्थित थी। साइबर सेल की टीम ने व्यवसायियों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने तथा सजग रहने के लिए प्रोजेक्टर के माध्यम से साइबर क्राइम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही यह बताने की कोशिश की कि किस तरह से साइबर क्राइम से हम अपने आप को बचा सकते हैं। इस सेमिनार में आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सेल के इंस्पेक्टर इंचार्ज विश्वजीत मुखर्जी, रानीगंज थाना के इंस्पेक्टर इंचार्ज विकास दत्त, रानीगंज चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रोहित खेतान, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप बाजोरिया, प्रोजेक्ट चेयरमैन अरुण भरतिया, प्रोफसर राहुल बागची एवं रमा बागची उपस्थित थे।
77.4 प्रतिशत साइबर मामले फाइनेंस से जुड़े हुए होते हैं
इस दिन कार्यक्रम का संचालन करते हुए रानीगंज चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रोहित खेतान ने साइबर क्राइम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मिले आंकड़ों के बारे में बताया कि देश भर में 70 हजार करोड़ रुपये साइबर क्राइम द्वारा लोगों से ठग लिया जाता है। लोगों के साथ ठगा गये 70 हजार करोड़ रुपये का 90 प्रतिशत हिस्सा का अमाउंट 50 हजार रुपये से कम है, यानी छोटे-छोटे अमाउंट से साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। नेशनल साइबर क्राइम के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 के जनवरी से लेकर अप्रैल तक साइबर क्राइम के 74 हजार मामले दर्ज किए जा चुके हैं यानी प्रतिदिन 7 हजार मामले साइबर क्राइम के सामने आते हैं। इतना ही नहीं, 77.4 प्रतिशत साइबर मामले फाइनेंस से जुड़े हुए होते हैं।
अब साइबर क्राइम बड़ी सबसे बड़ी चुनौती - विकास दत्त
इस मौके पर रानीगंज थाने के इंस्पेक्टर इंचार्ज विकास दत्त ने कहा कि जब वे पुलिस की नौकरी में जुड़े तो उनके सामने चोरी-डकैती को रोकना चुनौती होती थी। अब साइबर क्राइम को रोकना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने खड़ी है। विकास दत्त ने कहा कि बैंक कभी भी आप से कोई पासवर्ड बगैरा नहीं मांगता है। उन्होंने कहा कि बैंक कभी भी किसी से फोन पर बैंक के दस्तावेजों को लेकर बातचीत नहीं करता। हमें जागरूक होना पड़ेगा, हमें खुद सतर्क रहना पड़ेगा। आज सभी के पास स्मार्ट फोन है और स्मार्ट फोन में तरह-तरह की परिसेवाएं है, जिसे ब्लॉक हो जाने का भय दिखाकर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है।
किसी की परवाह न कर सिर्फ सतर्क रहना है - विश्वजीत मुखर्जी
सेमिनार को संबंधित करते हुए आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर इंचार्ज विश्वजीत मुखर्जी ने कहा कि जागरूकता बेहद जरूरी है। उनकी टीम सभी को साइबर क्राइम से कैसे बचा जाए, कैसे सतर्क रहा जाए, इसकी विस्तृत जानकारी देगी। विश्वजीत मुखर्जी ने कहा कि आर्थिक वर्ष 2023-24 में पुलिस के साइबर सेल ने 1 करोड़ 97 लाख रुपया साइबर ठगबाजों से वापस लिया और उन्हें इनके असल हकदार को लौटाया। उन्होंने जामुड़िया में भी किए गए साइबर फ्रॉड के पैसे वापस लाने का उल्लेख किया। इंस्पेक्टर इंचार्ज विश्वजीत मुखर्जी ने बताया कि साइबर क्राइम के तरीके अलग-अलग हैं। कभी ब्लैकमेलिंग तो कभी लोन तो कभी अकाउंट बंद होने का भय दिखाकर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। लोगों को इनकी परवाह न कर सिर्फ सतर्क रहना है।