

बांकुड़ा : झारखण्ड के पलामू टाइगर रिजर्व से निकल भटकते हुए बंगाल पहुंचा बाघ इन दिनों बांकुड़ा और झारग्राम जिले के जंगलों में उन्मुक्त विचरण कर रहा है। बांकुड़ा के रानीबांध ब्लॉक के बागडुबी गांव के बाद शनिवार सुबह सारंगा के पाइरासोल और खड्ड गांव में बाघ के पैरों के निशान देखे गए जिससे बांकुड़ा जंगल महल क्षेत्र में आतंक का माहौल व्याप्त हो गया है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात पाइरासोल गांव में बाघ ने सरला हांसदा नामक एक आदिवासी महिला के घर के आंगन में पहुंच गया। घर से सटे मवेशियों के घर पर दस्तक दी। ग्रामीणों के अनुसार बाघ ने घर का दरवाजा भी खटखटाया, देर रात दरवाजे पर किसी के दस्तक से वे लोग सहम उठे। डर के कारण किसी ने दरवाजा नहीं खोला। सुबह सरला के घर के आंगन में बाघ के पैरों के निशान देख ग्रामीणों में भय और बढ़ गया है। वन विभाग की तरफ से माइकिंग कर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। सारंगा इलाके में विचरण करने के बाद बाघ झारग्राम के लालगढ़ जंगल चला गया है। वन विभाग बाघ की गतिविधि पर पैनी नजर गड़ाए है। गौरतलब है कि ओड़िसा की बाघिन जीनत की वापसी के बाद बीते 12 जनवरी को झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से भटकते हुए एक बाघ झारग्राम-पुरुलिया के जंगल पहुंचा था। एक सप्ताह से अधिक समय तक बंगाल के उक्त दोनों जिले के जंगलों में भटकने के बाद बीते 21 तारीख को वह वापस झारखंड की ओर लौट गया था लेकिन बीते शुक्रवार को वह वापस बंगाल में प्रवेश कर बांकुड़ा और झारग्राम के जंगलों में भटक रहा है।