

मिदनापुर : धान के खेतों में भयानक आग लगने से कई बीघा जमीन पर लगे धान के पौधे जल गए। जिनके धान पक गए थे अर्थात कुछ ही दिनों में काटे जाने वाले थे। घटना पश्चिम मिदनापुर ज़िले के चंद्रकोना में क्षीरपाई बुड़ी तालाब से सटे खेत में हुई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, धान की कटाई के बाद किसानों ने आलू लगाने के लिए खेत में ही पराली जला दी और खेत में खड़ी कई बीघा पकी हुई धान की फसल आग में जल गई। आखिरकार जानकारी मिलने पर दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और खेतों में लगी आग को काफी मशक्कत के बाद बुझाई
सूत्रों से जानकारी मिली कि किसान आग में लगभग 18 बीघा जमीन पर लगे धान जलकर खाक हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वे आग पर काबू नहीं पा सके। लोगों का यह भी आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सूचना देने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली। आखिर में, किसानों ने अपनी कोशिशों से, जलती हुई आग के बीच हार्वेस्टर चलाकर धान काटा, और कुछ बीघे पर लगी धान की फसल बचाई। हालांकि, प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि खेत में पराली जलाने का नुकसान यह है कि खेत की मिट्टी जल जाती है और उसकी उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाती है, और जमीन में पकी फसलें मरने से पर्यावरण का इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा लेकिन प्रशासन की चेतावनी के बावजूद कई लोग खेत में ही पराली जला देते हैं। इस घटना से यह सामने आ गया है कि खेत में पराली जलाने पर किसानों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। अगर किसान अभी भी नहीं चेते, तो यही तस्वीर फिर से दूसरी जगहों पर देखने को मिल सकती है।