पर्यावरण संरक्षण से प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता बनी रहती है - सीएमडी

पर्यावरण सप्ताह के उदघाटन समारोह में ईसीएल के सीएमडी सतीश झा साथ में अन्य अधिकारीकगण
पर्यावरण सप्ताह के उदघाटन समारोह में ईसीएल के सीएमडी सतीश झा साथ में अन्य अधिकारीकगण
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सांकतोड़िया : ईसीएल के तत्वावधान में शुक्रवार को बाराचक हाउस में पर्यावरण सप्ताह का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पौधारोपण के साथ हुई, जो पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के प्रति ईसीएल की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सीएमडी सतीश झा ने “पर्यावरण सप्ताह” का विधिवत उद्घाटन किया तथा उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रेरणादायक शब्दों में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पण का संदेश दिया। सतीश झा ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए खनन क्षेत्र में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ईसीएल द्वारा आरंभ किए गए प्लास्टिक से पेवर ब्लॉक निर्माण संयंत्र की सराहना की, जो अपशिष्ट को उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करने की दिशा में एक अभिनव पहल है। उन्होंने कहा कि मानव सहित समस्त जीवों के सुखमय जीवन के लिए संतुलित पर्यावरण की आवश्यकता है। इसके लिए पर्यावरण का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। आज हम अपनी जिज्ञासा और नई-नई खोज की अभिलाषा में पर्यावरण को असंतुलित कर रहे हैं, जिससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि हम सभी की साझी जिम्मेदारी है। प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान करना चाहिए। सीएमडी ने ईसीएल ने सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि पर्यावरण के प्रति अपने प्रयासों को केवल एक सप्ताह तक सीमित न रखें, बल्कि पूरे वर्ष भर इसे सतत रूप से जारी रखें। उन्होंने ईसीएल की इस दिशा में हो रही प्रगति की सराहना की एवं इसे और बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने का आह्वान किया। निदेशक वित्त मोहम्मद अंजार आलम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को असंतुलित करने वाले कारकों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, रेडियो धर्मी प्रदूषण प्रमुख हैं। आज जरूरत इन सभी प्रदूषणों को कम कर अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करना है। आज मानव सहित संपूर्ण जीव मंडल पर्यावरण प्रदूषण के आगोश में है। इस स्थिति से लड़ने के लिए हमें आगे आना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। ऐसा करके हम प्रदूषण की तीव्रता को कम कर सकेंगे और पर्यावरण संरक्षण करके जीवन को स्वस्थ और स्वच्छ रख सकते हैं। मौके पर निदेशक (वित्त) मो. अंजार आलम, निदेशक (तकनीकी/ संचालन) नीलाद्रि राय, निदेशक (मानव संसाधन) गुंजन कुमार सिन्हा, निदेशक (तकनीकी/ परियोजना एवं योजना) गिरीश गोपीनाथन नायर एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी, दीप्ति पटेल महाप्रबंधक (सतर्कता) मनीष दास, महाप्रबबंधक पर्यावरण मृत्युंजय कुमार, शताक्षी महिला मंडल की उपाध्यक्ष संचिता राय तथा गीता राधामणि उपस्थित थे।

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