आभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस ने ठगी किये गये 7 ट्रैक्टरों को किया जब्त

डीसी सेंट्रल ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दी विस्तृत जानकारी
संवाददाताओं को संबोधित करते एडीपीसी के डीसी (सेंट्रल) ध्रुव दास
संवाददाताओं को संबोधित करते एडीपीसी के डीसी (सेंट्रल) ध्रुव दास
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जामुड़िया : जामुड़िया थाना पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही ट्रैक्टर एवं कार खरीद-फरोख्त कर जालसाजी के आरोप में सुमित कुमार नामक एक व्यक्ति को गत दिनों गिरफ्तार किया था। अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस ने ठगी किये गये 7 ट्रैक्टरों को बरामद कर लिया। इस संबंध में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी सेंट्रल ध्रुव दास ने बताया कि सुमित कुमार ट्रैक्टर के अलावे और भी वाहनों की हेराफेरी कर खरीद-फरोख्त करता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर चार दिनों की रिमांड पर लिया था। उसे आज सोमवार को फिर अदालत में पेश कर रिमांड पर लेने का अनुरोध न्यायालय से किया जायेगा। उसकी निशान देही पर 7 ट्रैक्टर जब्त किया गया है। इस मौके पर एसीपी सेंट्रल विमान कुमार मिर्घा, सीआई सुशांत चटर्जी, थाना प्रभारी सोमेन्द्रनाथ सिंह ठाकुर, एसआई सुभाष बनर्जी आदि उपस्थित थे।

क्या है घटना की सच्चाई

जामुड़िया थाना के बारुल ग्राम निवासी आशीष कुमार मंडल के साथ भी कुछ इसी प्रकार की घटना घटी थी। इस संबंध में पुलिस में भी एक मामला दर्ज करवाया गया था। आशीष कुमार मंडल ने बताया कि पिछले जनवरी माह में वह अपने एक मित्र के माध्यम से श्रीपुर गांव निवासी सुमित कुमार से संपर्क में आया। उसने उसे बताया कि वह विभिन्न कारखानों को ट्रैक्टर और कार भाड़ा पर देता है। उसने उससे कहा कि उसके पास जो ट्रैक्टर है, उसे अगर वह दे दे तो वह प्रत्येक माह 12,000 रुपया भाड़ा देगा। इधर, चूंकि आशीष का ट्रैक्टर को कोई काम नहीं मिल रहा था, इसलिए उसने उसके प्रभाव में आकर 8 जनवरी 2025 को एक एग्रीमेंट कर अपना ट्रैक्टर सुमित कुमार को दे दिया। शर्त थी कि जब उसका काम खत्म हो जाएगा तो वह ट्रैक्टर आशीष को वापस कर देगा। इस समझौते के अनुसार, उसने उसी दिन ट्रैक्टर अपने अधीन ले लिया, जिसका नंबर डब्ल्यूडी 37डी 3302 है। आशीष ने बताया कि इसके बाद दो महीने तक उसने उसे नियमित रूप से भाड़ा दिया, लेकिन मार्च में जब उसने भाड़ा मांगा तो सुमित तरह-तरह के बहाने बनाकर उसे टालने लगा। इसके बाद धीरे धीरे उसने उसका फोन उठाना बंद कर दिया। बाद में आशीष को पता चला कि सुमित एक जालसाज है जो अलग-अलग लोगों से कार तथा अन्य वाहन भाड़ा पर लेता है और बाद में अपने नाम से उसका फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच देता है। वह कई कारों का खुद को मालिक बताता है और दस्तावेजों के साथ जालसाजी करता है। आशीष ने यह भी आरोप लगाया कि सुमित कुमार ने उसके गांव के शांति राम मंडल, कंचन गोराई, लक्ष्मीकांत गोराई, राजू गोराई, तपन गोराई तथा अन्य कई लोगों को भी उसकी तरह अपनी जालसाजी का शिकार बनाया है। बाद में उसे पता चला कि सुमित कुमार ने इस इलाके के साथ-साथ आसनसोल और दुर्गापुर के भी कई लोगों से कार लीज पर ली थी और जाली दस्तावेज बनाकर उन्हें बेच दिया था। यह ठगी का काम काफी समय से कर रहा है और उसके साथ एक-दो अन्य लोग भी जुड़े हुए हैं। वहीं पुलिस मामला दर्ज कर अपनी जांच में जुट गई है।

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