

दुर्गापुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) दुर्गापुर में द्वितीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की थीम "आर्यभट्ट से गगनयान तक : प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं की ओर" जिसके माध्यम से भारत की अंतरिक्ष यात्रा और चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता को सम्मानित किया गया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर चंद्रयान-3 ने न केवल इसरो और भारत को गौरवान्वित किया बल्कि भारत को दुनिया का पहला देश बना दिया जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच बनाई। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा करती है। इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ईस्ट इसरो कोलकाता नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर मेघालय, भारतीय अंतरिक्ष विभाग और एनआईटी दुर्गापुर के संयुक्त प्रयास से किया गया। वहीं कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों की उपस्थिति ने इसे ज्ञान और प्रेरणा का केंद्र बना दिया। केन्द्रीय विद्यालय सीएमईआरआई, केन्द्रीय विद्यालय सीआरपीएफ, दुर्गापुर पब्लिक स्कूल, डीएवी मॉडल स्कूल, आरई मॉडल स्कूल और गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल से प्रत्येक से 50 छात्र और 2 शिक्षक शामिल हुए, जिनकी जोशपूर्ण उपस्थिति ने भारत के वैज्ञानिक भविष्य की झलक पेश की। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए डॉ. प्रबीर कुमार दास (वैज्ञानिक-एसएफ, इसरो और पश्चिम बंगाल समन्वयक) और डॉ. कृष्ण राय (सह-प्राध्यापक, एनआईटी दुर्गापुर) ने प्रमुख भूमिका निभाई। कार्यक्रम में एनआईटी दुर्गापुर के डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) प्रो. कल्याण अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और छात्रों को विज्ञान एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. अरिंदम गुहा (वैज्ञानिक एसजी और प्रमुख, एप्लिकेशंस, आरआरएससी-ईस्ट) और अभिजीत मित्रा (वैज्ञानिक एसएफ, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर, इसरो) ने विशेष व्याख्यान दिए। वहीं साथ ही क्विज़ प्रतियोगिता, पैनल चर्चा और मल्टीमीडिया प्रदर्शनी के माध्यम से भारत के अंतरिक्ष अभियानों, तकनीकी सफलताओं और भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शनी में रॉकेट, क्रायो-इंजन और उपग्रहों के प्रोटोटाइप प्रस्तुत किए गए, जिससे छात्रों और आगंतुकों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को नजदीक से समझने का अवसर मिला। भारत जब गगनयान भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और अन्य अंतरिक्ष अभियानों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में यह आयोजन विद्यार्थियों को प्रेरित करने के साथ-साथ देश की वैज्ञानिक सोच को मजबूत करता है। अंत में एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने इसरो और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए एनआईटी को चुने जाने पर गर्व व्यक्त किया।