दुर्गापुर बैराज का मंत्री मानस भुइयां ने किया निरीक्षण

मंत्री ने केंद्र सरकार पर फंड रोकने का लगाया आरोप
दुर्गापुर बैराज का निरीक्षण करते मंत्री मानस भुइयां
दुर्गापुर बैराज का निरीक्षण करते मंत्री मानस भुइयां
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दुर्गापुर : दुर्गापुर बैराज की मरम्मत का काम हाल ही में शुरू हुआ है। दुर्गापुर बैराज का निर्माण वर्ष 1955 में किया गया था। इस दौरान नदी के ऊपर वैकल्पिक सड़क का निर्माण किया गया है। सोमवार को पश्चिम बंगाल के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने वैकल्पिक सड़क का निरीक्षण किया। उनके साथ बांकुड़ा और पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने जब बांकुड़ा सिंचाई विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर का पता पूछा तो पाया कि वे अनुपस्थित हैं। इस पर नाराज होकर उन्होंने इंजीनियर को तुरंत बुलाने और उनका नाम नोट करने के आदेश दिया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक रास्ते से आठ जिलों का संपर्क स्थापित किया गया है। भारी वाहनों के लिए अलग प्रबंध किया गया है, लेकिन हल्के वाहनों, टोटो और मोटर साइकिलों को पांच स्थानों पर जलभराव के कारण कुछ कठिनाई हो सकती है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जलभराव और अन्य समस्याओं को जल्द हल किया जाएगा। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि 2014 के बाद से नदी तटबंधों के मरम्मत कार्य के लिए केंद्र सरकार ने कोई धनराशि नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हम हर साल लगभग 286 से 290 किलोमीटर तटबंध की मरम्मत करते हैं, फिर भी केंद्र ने बंगाल को लगभग दो लाख करोड़ रुपये से वंचित किया है। इस मौके पर बांकुड़ा के सांसद अरूप चक्रवर्ती, बड़जोड़ा के विधायक आलोक मुखर्जी, बांकुड़ा के जिलाधिकारी एन सियाद, पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम, बांकुड़ा के पुलिस अधीक्षक वैभव तिवारी, आसनसोल- दुर्गापुर पुलिस आयुक्त सुनील चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। दुर्गापुर में सिंचाई विभाग के बंगले में सभी अधिकारियों के साथ मंत्री ने लंबी बैठक की और कुछ जरूरी दिशा निर्देश दिए।

ड्यूटी से नदारद इंजीनियर पर मंत्री मानस भुइयां का फूटा गुस्सा

दुर्गापुर बैराज मरम्मत कार्य के निरीक्षण के दौरान सिंचाई मंत्री मानस भुइयां का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब बांकुड़ा सिंचाई विभाग के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर मौके से नदारद पाए गए। मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा मैं दौड़कर यहां आया हूं अधिकारियों से बात करने के लिए लेकिन इंजीनियर घर में सो रहे हैं। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को आदेश दिया कि अनुपस्थित इंजीनियर का नाम दर्ज किया जाए और उन्हें बुलाया जाए। मंत्री ने सवाल उठाया कि जब जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद हैं तो सिंचाई विभाग के इंजीनियर क्यों नहीं आ सकते। इस लापरवाही को लेकर उन्होंने अन्य अधिकारियों को भी फटकार लगाई।

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