

दुर्गापुर : दुर्गापुर माया बाजार रेलवे फाटक के निकट स्थानीय लोग ओवरब्रिज बनाने की मांग पर बार-बार आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के बाद रेलवे प्रशासन की ओर से कई बार ओवरब्रिज के निर्माण का आश्वासन दिया गया। बावजूद इसके स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए ओवरब्रिज का काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। दुर्गापुर माया बाजार रेलवे फाटक को अक्सर बंद रहने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जल्दबाजी में रेलवे फाटक को पार करने के दौरान कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले रेलवे फाटक पार करने के दौरान एक ट्रेलर की चपेट में आने से पेपर हॉकर राखाल पांडे की मौत हो गई थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने माया बाजार रेलवे फाटक के निकट सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था।
इलाके के लोगों ने चलाया था हस्ताक्षर अभियान
स्थानीय लोगों ने ओवरब्रिज बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था। इसके अलावा रेलवे अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया था। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। तृणमूल नेता सिकंदर मलिक ने बताया कि माया बाजार रेलवे फाटक के निकट लंबे समय से ओवरब्रिज बनाने की मांग जारी है। उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज के निर्माण हेतु टेंडर किया गया है।
रेलवे फाटक बंद रहने से लोगों को होती है समस्या
दुर्गापुर नगर निगम अंतर्गत वार्ड संख्या 33, 36 एवं 37 अंतर्गत वारिया रेलवे स्टेशन से सटे माया बाजार, विजयनगर, पुरसा, डीटीपीएस, प्रमोद नगर, तमला समेत आसपास रहने वाले लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे फाटक से होकर आवागमन करना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे फाटक अक्सर बंद रहता है। इस संदर्भ में स्थानीय वकील अहमद ने बताया कि माया बाजार रेलवे फाटक के निकट ओवरब्रिज बनाने की मांग पर लंबे समय से आंदोलन हो रहा है। ओवरब्रिज नहीं रहने के कारण स्थानीय लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं।
आश्वासन के बावजूद नहीं बना ओवरब्रिज
इस संदर्भ में रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि माया बाजार में ओवरब्रिज निर्माण को लेकर बात आगे बढ़ाई गई है। इसका निर्माण कार्य डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर द्वारा किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो ओवरब्रिज के निर्माण हेतु बजट का अनुमोदन मिल चुका है। रेलवे फाटक के निर्माण में राज्य सरकार और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की गई है। इस संदर्भ में स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूली बच्चे भी उसी रास्ते से आना-जाना करते हैं। आरोप है कि रेलवे फाटक के अक्सर बंद रहने से स्कूली बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने में समस्या होती है। इसके अलावा एंबुलेंस को भी जाम का सामना करना पड़ता है। इस कारण मरीजों को भी समस्या होती है। वार्ड नंबर 33, 36 एवं 37 समेत आसपास रहने वाले विद्यार्थी रेलवे फाटक को पार करके अंडाल, पानागढ़, दुर्गापुर, आसनसोल के स्कूल तथा कॉलेजों में पढ़ने जाते हैं। उन विद्यार्थियों को प्रत्येक दिन जाम का सामना करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए एक अंडरपास ब्रिज के निर्माण का मुद्दा जोर-जोर से उठाया गया था। बावजूद इसके अंडरपास ब्रिज का काम शुरू नहीं हो सका है। इलाके में दर्जनों छोटे-बड़े निजी कारखाने मौजूद हैं। उन कारखानों में स्थानीय हजारों श्रमिक काम करते हैं। उल्लेखनीय है कि उन श्रमिकों को भी रेलवे फाटक पार करके आना-जाना करना पड़ता है। माया बाजार रेलवे फाटक के अक्सर बंद रहने से जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।