

सालानपुर : मैथन डैम के पास स्थित मशहूर हिरण पार्क अब कुछ ही महीनों में खाली हो जाएगा। वन एवं पर्यावरण विभाग ने यहां मौजूद लगभग 250 हिरणों को चरणबद्ध तरीके से पलामू टाइगर रिजर्व भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले तीन महीनों के भीतर सभी हिरणों का स्थानांतरण पूरा होने की संभावना है।
हिरणों के स्थानांतरण के लिए तैयार की जा रही विशेष व्यवस्था
हिरणों के सुरक्षित परिवहन के लिए कई महत्वपूर्ण इंतजाम किए जा रहे हैं। हिरण पार्क से हाइडल तक 15 फुट चौड़ी अस्थायी सड़क बनाई जा रही है, जिससे ट्रक सीधे पार्क के अंदर तक पहुंच सके। हिरणों को ट्रक में चढ़ाने के लिए बांस का विशेष रैम्प बनाया जा रहा है, ताकि उन्हें बिना तनाव सीधे ट्रक तक ले जाया जा सके। ट्रकों के अंदरूनी हिस्से को आरामदायक और सुरक्षित बनाया जा रहा है, जिससे सफर के दौरान उन्हें कोई परेशानी न हो। पार्क के चारों ओर अतिरिक्त बाड़ लगाई जा रही है, ताकि स्थानांतरण प्रक्रिया में कोई हिरण बाहर न निकल सके। झारखंड सरकार के वन विभाग भी इस बड़े पैमाने पर किए जा रहे स्थानांतरण में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहा है।
मैथन पर्यटन का प्रमुख आकर्षण था हिरणों का झुंड
जानकारों का कहना था कि एक ओर जहां क्रिसमस और नए साल के लिए मैथन डैम क्षेत्र में आकर्षक सजावट की तैयारी चल रही है, वहीं यहां के प्रमुख पर्यटन आकर्षणों में से एक हिरण पार्क को बंद करने की सक्रिय पहल जारी है। स्थानीय लोग और पर्यटक बताते हैं कि पार्क के खाली होने के बाद मैथन डैम के आसपास अब हिरणों के झुंड घूमते हुए नहीं दिखाई देंगे, जिससे प्राकृतिक खूबसूरती और रोमांच का एक अहम हिस्सा गायब हो जाएगा।
तीन महीनों में खत्म हो जाएगा हिरण पार्क का अस्तित्व
लगभग 250 हिरणों के पलामू में बस जाने के बाद मैथन का हिरण पार्क आधिकारिक रूप से बंद हो जाएगा। यह कदम वन्यजीव संरक्षण की नई नीति और पलामू में जैव विविधता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आने वाले दिनों में मैथन की पहचान रहे हिरणों का नजारा इतिहास बनने वाला है।