

आसनसोल : आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट पुलिस को पहले से पता था कि कुछ लोगों की गलतियों के कारण जमकर बवाल हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए पीस कमेटी की बैठकों में लोगों को क्या करना व क्या नहीं करना है के मुद्दे पर पुलिस द्वारा विस्तृत रूप से बताया गया था। वहीं पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद कुछ लोगों के कारण जमकर बवाल मच ही गया। बता दें कि कुर्बानी दिये गये पशु के अवशेष को काली पहाड़ी डंपिंग ग्राउंड में फेंके जाने का स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आसनसोल नगर निगम लिखे ट्रैक्टर में पशु के अवशेषों को वहां क्यों लाया गया। लोगों का कहना था कि कौन क्या करता है, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है पर कुर्बानी किये गये पशु के अवशेष को उस इलाके में फेंक कर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कार्य किया जा रहा था। जिस तरह से रात के अंधेरे में यहां पर कटे हुए मवेशियों के बचे हुए शरीर के हिस्से को खुले डंपिंग ग्राउंड में फेंकने की कोशिश की जा रही थी, वह निंदनीय एवं विरोध के जन्म देने वाली थी। वहीं घटना की सूचना पाकर आसनसोल उत्तर एवं दक्षिण थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंच स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया। इस मुद्दे पर आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा कि त्योहार हर कोई अपने हिसाब से मना सकता है लेकिन सबको दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान भी करना चाहिए। विधायक ने कहा कि मवेशियों के शरीर के कटे हुए हिस्सों को आसनसोल नगर निगम के ट्रैक्टर में लोड करके ले जाया जा रहा था, इसलिए पुलिस को चाहिए कि बहुत ही संवेदनशीलता के साथ इस मामले को देखे और ऐसा कुछ भी ना किया जाए जिससे किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। हालांकि बाद में पुलिस ने उन अवशेषों को किसी गुप्त स्थान पर मिट्टी में दबाने के लिए भेज दिया।
बैठकों में दिया गया था जोर
पीस कमेटी की बैठकों में पुलिस द्वारा इस बात पर जोर दिया गया था कि त्योहार मनायें पर ऐसा कुछ ना करें जिससे किसी दूसरे की धार्मिक भावना आहत हो। रहा सवाल कुर्बानी के पशु के अवशेषों का तो लोगों को अपने-अपने इलाके में एक गड्ढा बनाकर उसमें उन अवशेषों को दबा देने का भी निर्देश दिया गया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस के तमाम निर्देश को दरकिनार कर इस कार्य को किया गया, जिसका विरोध किया गया।