

खड़गपुर: अग्नि युग के शस्त्र गुरु व स्वतंत्रता सेनानी हेमचंद्र कानूनगो की 155वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को बाड़मोहनपुर भगवती देवी नारी कल्याण समिति द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान में विविध कार्यक्रम हुए।
भगवती देवी पीटीटीआई के सहयोग से भगवती देवी शिक्षा निकेतन व केलघई व बघुईपाड़ा की मीठा भाषा चर्चा समिति के सहयोग से खाकुड़दा बस स्टैंड स्थित स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा व भाषा चर्चा संस्था की ओर से शिक्षक अखिल बंधु महापात्र व विश्व सिंधु डे ने माल्यार्पण किया। भगवती देवी शिक्षा निकेतन के प्राथमिक विभाग के बच्चों के लिए रक्त समूह निर्धारण, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात चिकित्सक डॉ. अंशुमान मिश्रा मौजूद थे। डॉ अंशुमान मिश्र ने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की उपस्थिति में स्वतंत्रता सेनानी हेमचंद्र कानूनगो की जयंती पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की तथा विद्यार्थियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए कुछ बहुमूल्य सलाह दी। भगवती देवी शिक्षा निकेतन (माध्यमिक विभाग) एवं भगवती देवी पीटीटीआई के विद्यार्थियों की उपस्थिति में महाविद्यालय में हेमचंद्र कानूनगो पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। डॉक्यूमेंट्री दिखाने के बाद हेमचंद्र के जीवन, शिक्षा, संस्कृति में योगदान एवं देश के लिए उनके बलिदान पर विचार गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष माननीय सुमना माइती ने बताया कि किस प्रकार हेमचंद्र कानूनगो स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में आज भी उपेक्षित रह गए हैं। बीएड विभाग के कार्यवाहक प्राध्यापक समर माइती ने कहा कि इस देशभक्त क्रांतिकारी नायक ने विदेशी धरती से भारत के प्रथम राष्ट्रीय ध्वज का रेखाचित्र तैयार किया था। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सिद्धार्थ शंकर मिश्र ने की। इस अवसर पर डी.एल.एड विभाग की विभागाध्यक्ष सुमना माइती तथा डी.एल.एड एवं बी.एड विभाग के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। विद्यालय एवं महाविद्यालय के डी.एल.एड एवं बी.एड विभाग के छात्र-छात्राओं के भाषणों के माध्यम से अनेक महत्वपूर्ण अज्ञात जानकारियां सामने आईं। कार्यक्रम के अंत में सभा के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर मिश्र ने अपने भाषण में कहा कि छात्रों में अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, देशभक्ति, संस्कार आदि का विकास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हेमचंद्र कानूनगो एक उल्लेखनीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हालांकि, हममें से किसी ने भी इस महान नायक को इस तरह याद नहीं किया। इसलिए उन्होंने सभा में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं से कहा कि अन्य क्रांतिकारियों की तरह हमें हेमचंद्र कानूनगो की जयंती भी धूमधाम से मनानी चाहिए।