साइबर ठगी का शिकार बने पूर्व रेल कर्मचारी, उऩके खाते से उड़ाए 1.70 लाख रुपये

रूपनारायणपुर में मोबाइल चोरी के बाद साइबर ठगी में लाखों रुपये गंवाए
साइबर ठगी का शिकार बने पूर्व रेल कर्मचारी, उऩके खाते से उड़ाए 1.70 लाख रुपये
Published on

सालानपुर : रूपनारायणपुर फांड़ी क्षेत्र की महावीर कॉलोनी निवासी पूर्व रेल कर्मी अरूप भट्टाचार्य साइबर ठगी का शिकार हो गए। उनके खाते से 1.70 लाख रुपये की निकासी कर ली गई। इस मामले में रूपनारायणपुर फांड़ी में अज्ञात लोगों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई है। घटना के संबंध में भुक्तभोगी अरूप भट्टाचार्य ने बताया कि वे 1 जून को रूपनारायणपुर डाबर मोड़ स्थित सब्जी मंडी में सब्जी खरीदारी करने गए थे। वहीं घर वापस लौटने पर उन्हें पता चला कि उनकी जेब से मोबाइल चोरी हो गया है। इस मामले में घटना की जानकारी रूपनारायणपुर पुलिस को दी गई। साथ ही बीएसएनएल कार्यालय पहुंचकर अपना सिम कार्ड बंद कराया। उन्होंने पुराना नंबर वापस पाने के लिए नए सिम के लिए आवेदन किया। बीएसएनएल अधिकारी ने उन्हें बताया कि 24 घंटे के अंदर नंबर फिर से सक्रिय कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर सिम चालू नहीं होने पर वे फिर बीएसएनएल कार्यालय पहुंचे तो कहा गया कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण सिम चालू नहीं हो सका है। जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। वहीं अरूप भट्टाचार्य बुधवार को बैंक में खाता अपडेट करने के लिए पहुंचे तो पाया कि उनके खाते से 1.70 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है। इसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। साइबर अपराधियों ने उनके पेंशन खाता समेत तीन बैंक खातों से चरणबद्ध तरीके से करीब 1.70 लाख रुपये निकाल लिए हैं। यहां तक कि मोबाइल रिचार्ज समेत विभिन्न लेन-देन भी उनके खाते से यूपीआई के माध्यम से किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके एक खाते में एटीएम कार्ड या ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा नहीं थी, फिर भी उस खाते से पैसे उड़ा लिए गए। उन्होंने कहा कि फोन बंद था, इसलिए उन्हें कोई ओटीपी या लेन-देन अलर्ट संदेश नहीं मिला। इतनी जल्दी सावधानी बरतने के बावजूद उनके खाते से इतनी बड़ी रकम कैसे गायब हो गई। उन्होंने आसनसोल साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मालूम हो कि अरूप भट्टाचार्य कि पत्नी की मौत हो चुकी है और उनकी बेटी दूसरे शहर में रहती है। वे घर में अकेले रहते हैं। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि वह त्वरित जांच कर अपराधियों की पहचान करे और उसके खोए हुए पैसे वापस दिलाए। इस घटना ने इलाके में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है और स्थानीय निवासी सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस निगरानी बढ़ाकर अपराध क्यों नहीं रोका जा सकता है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in