हाथियों ने आलू की फसल बर्बाद कर किसानों को पहुंचाया भारी नुकसान

हाथियों ने आलू की फसल बर्बाद कर किसानों को पहुंचाया भारी नुकसान
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बांकुड़ा : बांकुड़ा जिले में हाथियों के एक झुंड ने बड़े पैमाने पर आलू की फसल को नष्ट कर दिया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। आलू की फसल उठने से ठीक पहले हुए इस तांडव से इलाके के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। गुरुवार देर रात लगभग 23 से 25 हाथियों का एक झुंड सोनामुखी जंगल को पार कर राधानगर रेंज के प्रकाश और उलियारा क्षेत्रों में घुस आया। इस झुंड ने वहां बीघे के बीघे आलू के खेतों को रौंद डाला। आलू की फसल उठाने में कुछ ही सप्ताह बाकी थे, ऐसे में हाथियों के झुंड द्वारा बड़े पैमाने पर आलू के खेत नष्ट कर दिए जाने से किसानों को भारी क्षति हुई है।

बांकुड़ा जिला में 4 माह बिताने के बाद लौट रहे है दलमा की ओर

हर साल की तरह, इस साल भी अगस्त महीने में भोजन की तलाश में दलमा हाथियों का दल मिदनापुर जंगल के रास्ते बांकुड़ा जिला में प्रवेश किया था। उसी महीने लगभग 63 हाथी बांकुड़ा जिला में घुसे थे। ये झुंड विष्णुपुर, सोनामुखी और बेलियातोड़ जंगल को पार करते हुए सीधे बड़जोड़ा के पाबया जंगल में पहुंच गया था। लगभग चार महीने बिताने के बाद, दो दिन पहले हाथियों का यह झुंड मेदिनीपुर जंगल की ओर वापस लौटना शुरू हुआ। लौटने के दौरान ही, कल रात 23 से 25 हाथियों का एक दल सोनामुखी के जंगल को पार कर राधानगर रेंज के प्रकाश और उलियारा गांव से सटे आलू के विशाल खेतों में घुस गया और रात भर तांडव मचाया।

ऋण चुकाने की चिंता में किसान

जयंत बाउरी, बसाक पाल व अन्य किसानों ने बताया कि प्रति बीघा आलू की खेती पर उन्हें 30 से 40 हजार रुपये तक का खर्च आया था। उन्होंने सहकारी समितियों और स्थानीय साहूकारों से कर्ज लेकर यह पैसा जुटाया था। पोखराज आलू की पैदावार भी अच्छी हुई थी, लेकिन खेतों से फलन उठने से ठीक पहले इस तरह हाथियों के तांडव से बीघे के बीघे आलू नष्ट हो जाने के कारण वे लोग बर्बाद हो गए है। घर-संसार तो दूर कर्ज कैसे चुकाएंगे यह चिंता सताए जा रही है। ऐसे में सरकार व प्रशासन से मदद नहीं मिला तो वे लोग कहीं के नहीं रहेंगे।

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