

आसनसोल : पिछले 10 वर्षों से निष्क्रिय पड़े बर्दवान चेंबर ऑफ कॉमर्स को पुनर्जीवित करने की पहल शनिवार को प्रारंभ कर दी गई है। बर्दवान दक्षिण के विधायक खोकन दास ने कहा कि सभी जिलों में चेंबर्स ऑफ कॉमर्स नामक बड़े और शक्तिशाली संगठन हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री जिस भी जिले का दौरा कर रही हैं, वहां चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर वहां के व्यवसायियों की समस्याओं को सुनती व उसका समाधान कर रही हैं, लेकिन बर्दवान में कोई चेंबर ऑफ कॉमर्स नहीं है। विधायक खोकन दास ने इस बात की जांच शुरू की कि पूर्व बर्दवान जिले में चेंबर ऑफ कॉमर्स नामक कोई संगठन क्यों नहीं है, तो उन्हें पता चला कि यह संगठन बर्दवान में भी मौजूद था। कुछ समय चलने के बाद वह बंद हो गया था। विधायक ने कहा कि आजकल व्यापारियों को कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए एक मजबूत संगठन की आवश्यकता है। इसलिए इस संगठन को फिर से मजबूत करने की पहल की गई है। गौरतलब है कि इस दिन बर्दवान सांस्कृतिक मंच में करीब 500 व्यापारियों को आमंत्रित किया गया था। अधिकांश व्यापारियों ने इस पहल का स्वागत किया है।
चेंबर के अध्यक्ष एवं संयोजक कमेटी का किया गया गठन
शनिवार को बर्दवान चेंबर ऑफ कॉमर्स को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्षेंदु साधु को अध्यक्ष के रूप में एक संयोजक कमेटी का गठन किया गया। इस अवसर पर संयोजक कमेटी के सदस्य राइस मिलर सुब्रत मंडल ने कहा कि बर्दवान चेंबर ऑफ कॉमर्स का गठन 1980-81 के आसपास हुआ था। डॉ. प्रफुल्ल चंद्र रॉय चाहते थे कि बंगालियों का अपना संगठन हो। यद्यपि अन्य जिलों में यह संगठन शुरू हो चुका था, लेकिन बर्दवान में ऐसा नहीं हो रहा था। उस समय यह संगठन पंकज मंडल, देवनारायण मंडल, शंभूचरण गुहा, श्यामसुंदर पाल आदि कुछ व्यापारियों द्वारा बनाया गया था। वहीं वामपंथी युग के दौरान संगठन को समय-समय पर असफलताओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद यह व्यावहारिक रूप से बंद हो गया। इस अवसर पर विधायक खोखन दास ने कहा कि जिस तरह से आज सभी लोग इस अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए आगे आए हैं, वे इससे बहुत खुश हैं। बहुत जल्द वे पूरे जिले के व्यापारियों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे और एक नई कमेटी का गठन करेंगे।