

दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम क्षेत्र में पानी की किल्लत, जर्जर सड़कें, निकासी नालियों की खराब स्थिति और पक्का घर बनाने के लिए पट्टा नहीं मिलने जैसे मुद्दों को लेकर गुरुवार को आदिवासी समाज ने जोरदार प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल आदिवासी जुमित गाओंता के बैनर और झंडे तले सैकड़ों आदिवासियों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की और अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर सड़क पर उतरे। आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि कई बार नगर निगम प्रशासन को समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन हर बार केवल आश्वासन दिया गया। नतीजतन इलाके में पीने के पानी की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। बारिश के दिनों में कच्चे घर गिरने का खतरा बना रहता है। जमीन का पट्टा नहीं मिलने के कारण आवास योजना के तहत घर भी नहीं मिल रहा है। इसके अलावा आदिवासियों के लिए श्मशान घाट और जाहरथान (पूजा स्थल) बनाने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।
आक्रोशित आदिवासियों का आरोप
पश्चिम बंगाल आदिवासी जुमित गाओंता के राज्य महासचिव सुनील किस्कू ने आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद केवल आश्वासन ही मिलता है। वहीं कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। वे लोग झूठे वादों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। पत्थर और बालू माफियाओं के साथ मिलकर नगर निगम को चलाया जा रहा है। इसके खिलाफ वे लोग आवाज उठा रहे हैं।
निगम प्रशासन का जवाब
आदिवासियों के प्रदर्शन के बाद नगर निगम की प्रशासक अनिंदिता मुखोपाध्याय ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि जहां-जहां पानी की समस्या है, वहां टैंकरों के जरिए उसकी आपूर्ति की जा रही है। सड़कों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। अन्य सभी समस्याओं का भी जल्द समाधान किया जाएगा। दुर्गापुर के सभी वार्डों में तेजी से विकास कार्य किया जा रहे हैं। गर्मी में जरूरत के अनुसार स्थानीय लोगों को टैंकरों से पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर के विभिन्न अंचलों में रहने वाले आदिवासी समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान भी किया गया है। आदिवासी समाज ने कहा कि यदि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया तो और भी बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।