
दीघा: पूर्व मिदनापुर जिले का पर्यटन शहर दीघा तो वैसे भी काफी नामी है और ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद दीघा की काया ही पलट दी। जिसके कारण दीघा और आकर्षक बन गया है। उसके अलावा मुख्यमंत्री की पहल पर दीघा में भगवान जगन्नाथ के मंदिर बनाए जाने के बाद से तो दीघा का मान ही कुछ अलग हो गया है और अब शुक्रवार की भोर के साथ ही दीघा एक नए इतिहास का साक्षी बनने जा रहा है।
मालूम हो कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2018 में दीघा में भगवान जगन्नाथ के मंदिर बनाए जाने की घोषणा की थी। उसके बाद ही 2022 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया। दीघा रेलवे स्टेशन के पास 20 एकड़ जमीन पर जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है. इस मंदिर की ऊंचाई 213 फीट है। इसके निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है और इस मंदिर को पारंपरिक कलिंग वास्तुकला शैली में बनाया गया है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह, दीघा के मंदिर भी चार मंडप बनाए गए हैं। दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां पुराने पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह ही बनाई गई हैं। चारों दिशाओं में प्रवेश द्वार बने हैं। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद, अरुण स्तंभ है, फिर सिंह द्वार है और इसके ठीक सामने व्याघ्र द्वार है। हर दरवाजे के पास सीढ़ियां और छतरी बनी है। हर दरवाजे को शंख, चक्र और कमल से सजाया गया है। राज्य सरकार ने इस पर करीब 250 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मंदिर के बनने के बाद इस वर्ष 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उसका उद्घाटन किया गया और उसके बाद ही मंदिर श्रद्वालुओं के लिए खोल दिया गया। दीघा के जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए केवल राज्य और देश से ही लोग रही बल्कि काफी संख्या में विदेशी भी आ रहें हैं। उसके बाद निर्णय लिया गया कि पुरी की तरह से दीघा में भी रथ यात्रा निकाली जाएगी और उसके अनुसार तैयारियां शुरु कर दी गईं और अब वह शुभ दिन भी आ गया। शुक्रवार की सुबह दिन निकलते ही दीघा नवनिर्मित जगन्नाथ धाम की पहली रथ यात्रा का गवाह बनेगा। जिसे लेकर अब समुद्र तट के शहर में चहल-पहल बढ़ गई है। शुक्रवार से रथ उत्सव शुरू हो रहा है। दीघा में जगन्नाथ धाम की रथ यात्रा शुरू करने के लिए रस्सी उनके हाथ से खींची जाएगी। मुख्य सचिव मनोज पंत मुख्यमंत्री के साथ पहले ही दीघा पहुंच चुके हैं। गुरुवार को जगन्नाथ देव को 55 भोग अर्पित किए गए। इस दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, शुक्रवार सुबह 9.30 बजे से पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी तीर्थयात्री उसी समय से रथ दर्शन भी कर सकेंगे। मंदिर के अधिकारी आज रात रथ को यहीं पार्क करेंगे। हम कल दोपहर 2 बजे तक आ जाएंगे।गौरतलब है कि देश भर में कई त्योहारों और आयोजनों को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। कुंभ मेले के आसपास ही भगदड़ की दो-तीन घटनाएं हो चुकी हैं। दीघा में उस खतरे से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले से ही इंतजाम कर लिए हैं। उन्होंने कहा, रथ यात्रा दोपहर 2.30 बजे शुरू होगी। सड़क पर लोग नहीं होंगे, दर्शनार्थियों के लिए बैरिकेड्स होंगे। भगदड़ जैसी स्थिति न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। इस बात का ध्यान रखते हुए कि श्रद्धालु ठीक से देख सकें रथ रुक रुक कर आगे बढ़ेगा। रास्ता भी लंबा नहीं है। मौसी का घर सिर्फ सवा किलोमीटर दूर है। प्रशासन ने यह भी इंतजाम किया है कि दर्शनार्थी रथ की रस्सियों को छू सकें और माथा टेक सकें। मुख्यमंत्री ने कहा, रथ की रस्सियां बैरिकेड्स को छूएंगी। हर कोई छू सकेगा और माथा टेक सकेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आयोजन में लोगों का स्वागत किया है।