

खड़गपुर : नदी में जलस्तर बढ़ा तो सड़कें डूब जाएंगी। नतीजतन, प्रशासन को हर साल उस सड़क का निर्माण करना पड़ता है, इतना ही नहीं, लोगों को चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ता है। बारिश शुरू हो गई है साथ ही साथ कंसावती नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। जिसके कारण सड़क की डूबने की आशंका है और उसी आशंका से ग्रस्त गांव के लोगों ने टाबागेड़िया में कंसावती नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहें हैं।
प्रत्येक वर्ष की तरह से इस बार भी पश्चिम मिदनापुर के डेबरा ब्लॉक के अंर्तगत आने वाले टाबागेड़िया के निवासियों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी लंबे समय से मांग है कि टाबागेड़िया में कंसावती नदी पर एक पुल बनाया जाए लेकिन लोगों की वह मांग इच्छा आज भी पूरी नहीं हुई। निवासियों की शिकायत है कि हर बार चुनाव आते ही नेता-मंत्री आकर पुल बनाने का वादा करते हैं लेकिन बस वादा ही किया जाता है काम कुछ नही होता। इस संबंध में डेबरा पंचायत समिति के उपाध्यक्ष प्रदीप कर ने कहा कि डेबरा के विधायक हुमायूं कबीर ने पुल बनाने की पहल की है। उन्होंने यह भी कहा कि काम में काफी प्रगति हुई है। डेबरा तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने कहा, पुल निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसे मंजूरी भी मिल गई है। पुल के लिए नदी के दोनों ओर संपर्क मार्ग बनाने के लिए करीब 6.2 एकड़ जमीन की जरूरत है। उस जमीन को खरीदने के लिए राज्य सरकार से पैसे मांगे गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस पुल के निर्माण की लागत करीब 31 करोड़ रुपए आंकी गई है। संपर्क मार्ग बनाने के लिए कई लोग जमीन देने को तैयार हैं। उन्होंने लिखित में भी यह बात कही है। हालांकि, कथित तौर पर कुछ परिवार जमीन देने से कतरा रहे हैं। विधायक ने आगे कहा, उम्मीद है कि क्षेत्र के विकास के लिए सभी लोग सड़क निर्माण के लिए जमीन देंगे। जमीन खरीदने के लिए पैसे आते ही जमीन खरीदने का काम शुरू हो जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार कंसाई नदी के एक तरफ भवानीपुर, सत्यपुर, मालीघाटी और गोलग्राम ग्राम पंचायत हैं। वहीं दूसरी तरफ सत्यपुर, खानमोहन, डेबरा 1 और कुछ ग्राम पंचायतें हैं। पुल न होने से लोगों को मानसून के दिनों में नावों का सहारा लेना पड़ता है। जलस्तर बढ़ने पर नदी के उस पार के लोगों को डेबरा पहुंचने के लिए 10-15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। जलस्तर कम होने पर नदी के तल पर मोरम की सड़क बना दी जाती है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यात्रा में समय की बर्बादी होती है, लागत भी बढ़ जाती है। ट्रक में सामान लाने जाते हैं तो किराया भी अधिक देना पड़ता है, पुल बन जाए तो ये समस्याएं नहीं रहेंगी। टाबागेड़िया प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक प्रणबेश घोराई ने बताया, स्थानीय लोगों के लिए यह पुल बहुत महत्वपूर्ण है। इस सड़क से भवानीपुर, भरतपुर, सत्यपुर और खानमोहन इन चार ग्राम पंचायतों के करीब 50 हजार लोग रोजाना आवागमन करते हैं। अगर यह पुल बन जाए तो डेबरा और पटाशपुर होते हुए दीघा जाने का रास्ता भी आसान हो जाएगा। विधायक के शब्दों में, दीघा में जगन्नाथ मंदिर बनने से लोगों का उत्साह बढ़ा है। अभी बीरभूम, बर्दवान या हुगली के लोगों को दीघा जाने के लिए चक्कर लगाना पड़ता है। अगर यह पुल बनता है तो न केवल डेबरा के लोगों को बल्कि अन्य जिलों के लोगों को भी लाभ होगा। इसलिए हमारी पूरी कोशिश है कि सबसे पहले टाबागेड़िया का पुल बने उसके बाद हम दुबराजपुर में भी पुल बनाने की पहल करेंगे।