चाबी को लेकर बैंक के बाहर घंटों परेशान हुए ग्राहक

भीषण गर्मी में ग्राहकों को घंटों करना पड़ा इंतजार
चाबी को लेकर बैंक के बाहर घंटों परेशान हुए ग्राहक
Published on

दुर्गापुर : दुर्गापुर स्थित डीएसपी टाउनशिप के ए-जोन में सोमवार को सरकारी बैंक की एक शाखा के बाहर ग्राहकों को भीषण गर्मी में घंटों इंतजार करना पड़ा। बैंक के मेन गेट की चाबी मैनेजर के पास होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई, जो प्रशिक्षण के लिए शहर से बाहर गए हुए थे। इस लापरवाही के कारण ग्राहकों को भारी असुविधा हुई। वहीं बैंक प्रबंधन पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सोमवार को सप्ताह का पहला कामकाजी दिन होने के कारण अशोक एवेन्यू स्थित एसबीआई शाखा के बाहर सुबह से ही ग्राहकों की लंबी कतार लगी हुई थीं। सभी अपनी बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बैंक खुलने का इंतजार कर रहे थे। सुबह 10 बजे से पहले बैंक कर्मचारी भी पहुंच गए, लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार का ताला नहीं खुला। काफी देर तक पता भी नहीं चला कि मुख्य दरवाजे की चाबी किसके पास है। बैंक कर्मचारियों ने चाबियों का एक बक्सा मंगाया, लेकिन उससे भी ताला नहीं खुला। बाहर बढ़ती भीड़ और गर्मी के कारण बैंक अधिकारियों की चिंता बढ़ती जा रही थी।

मैनेजर की गैरमौजूदगी बनी मुसीबत

बैंक सूत्रों के अनुसार बैंक मैनेजर प्रशिक्षण के लिए बाहर गए हुए थे और मुख्य दरवाजे की चाबी गलती से उनके पास ही रह गई थी। इसी वजह से यह सारी परेशानी हुई। सुदीप घोष नाम के एक परेशान ग्राहक ने बताया कि वह एक घंटे से ज्यादा समय से खड़ा है। कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। इस गर्मी में ग्राहकों को बहुत परेशानी हुई। बैंक कर्मचारी देवांशु मजूमदार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मैनेजर प्रशिक्षण के लिए गए हुए हैं। वही चाबी उनके पास ही रह गई है। वहीं वैकल्पिक चाबी से ताला खोलने की कोशिश की गई। समय बर्बाद होने पर उसकी भरपाई के लिए वे ग्राहकों को अतिरिक्त सेवाएं देने को तैयार हैं। लगभग दो घंटे की देरी के बाद, आखिरकार किसी तरह से समस्या का समाधान हुआ और बैंक का ताला खुल सका, जिससे ग्राहकों ने राहत की सांस ली। इस घटना ने एक बार फिर बैंकों में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर प्रोटोकॉल और बैकअप सिस्टम की आवश्यकता पर जोर दिया है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in