जामुड़िया : उल्लेखनीय है कि सन्मार्ग ने राज्य सरकार की डब्लूबीपीडीसीएल की ओर कवितीर्थ चुरुलिया के 4 विद्यालयों, आईसीडीएस केंद्र एवं चुरुलिया फांड़ी के उच्छेद की घटना का समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद से ही पूरे क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है चाहे भाजपा हो या माकपा, इस पर आंदोलन का मूड बना लिया है। वहीं मंगलवार को माकपा नेता मनोज दत्त के नेतृत्व में पीडीसीएल के विरुद्ध उग्र आंदोलन करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर माकपा नेता मनोज दत्त ने कहा कि माकपा के शासनकाल में इस जगह पर बंगाल एमटा कोयला का उत्तोलन करती थी। उसके पहले ईसीएल की तारा माइंस भी कोयला का उत्पादन करती थी लेकिन ममता बनर्जी की सरकार आने के बाद इस जगह पर बंगाल एमटा को बाधा उत्पन्न कर दिया गया था। इसके कारण बंगाल एमटा ने अपना सामान उठाकर उत्तोलन बंद कर दिया था। अब तृणमूल कांग्रेस की सरकार पीडीसीएल के मार्फत कोयला का उत्पादन करना चाह रही है। इसके लिए पूरे चुरुलिया जिसमें विद्रोही कवि नजरूल की जन्मभूमि भी है के अलावा 4 विद्यालय, आईसीडीएस केंद्र के साथ चुरुलिया फांड़ी का भी अस्तित्व खत्म होने के कगार पर आ गया है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उनलोगों ने मांग की है कि पहले पुनर्वास करें तो बात बन सकती है अन्यथा आंदोलन जोरदार रहेगा और किसी भी कीमत पर पीडीसीएल को काम करने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान जामुड़िया थाना पुलिस के भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था ।

