

सांकतोड़िया : कोल इंडिया स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की पांचवीं बैठक 3 जून को होनी है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। मालूम हो कि कोल इंडिया में कार्यरत करीब सवा दो लाख कोल कर्मियों के लिए वेतनमान समझौता-11 हुए लगभग 24 माह होने को हैं लेकिन अभी भी कोल कर्मियों से जुडे़ कई मुद्दे अधर में लटके हुए हैं। इसे लेकर न तो कोल इंडिया प्रबंधन गंभीर दिखता है और न ही ट्रेड यूनियन के नेता सक्रिय हैं। कभी-कभार होने वाली बैठक में भी सिर्फ आई वॉश होता है। लटके हुए मुद्दों में सबसे अहम बंद मेडिकल अनफिट का है। एनसीडब्ल्यूए-11 समझौते के समय कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से यह कहा गया था कि धारा 9:4:0 (बीमार व लाचार कर्मियों के आश्रित पुत्र को नियोजन) का क्लाउज यथावत चालू रहेगा, लेकिन व्यवहार व कागज में यह कहीं नहीं है। कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों में मेडिकल अनफिट के हजारों मामले वर्ष 2016 से लंबित हैं। इसी तरह 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी का मामला भी लटका हुआ है। मजदूर संगठन से जुडे़ नेताओं के अनुसार एनसीडब्ल्यूए-10 के समय रिटायर कोल कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान 01.07.2016 की तिथि से 10 लाख ही किया गया, जबकि अधिकारियों का बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि 20 लाख रुपये का भुगतान 01.01. 2017 की तिथि से किया गया। इस कारण करीब 14 हजार रिटायर कर्मी 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भुगतान से वंचित रह गये हैं। यह मामला भी न जाने कितनी बार कोल इंडिया प्रबंधन के समक्ष मजदूर संगठन के नेता उठा चुके हैं, लेकिन किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचा नहीं जा सका है।
रिटायर कर्मियों का पेंशन रिवाइज नहीं हो रहा है
सीपीआरएमएस के तहत कर्मियों को पैसा भी सही रूप से नहीं मिल रहा है। आठ लाख रुपया तक कैशलेस इलाज का प्रावधान है। सीपीआरएमएस को लेकर कोल इंडिया ने कहा था कि जल्द ही इसे लेकर कोई ठोस निर्णय लेंगे। इसे लेकर एक कमेटी भी गठित की गयी। अभी तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं। एटक नेता लखनलाल महतो के अनुसार कर्मियों के इलाज के लिए ठेका श्रमिकों के लिए की गयी अनुशंसा भी सही रूप से लागू नहीं हुआ है। कोल इंडिया में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए गठित हाई पावर कमेटी की अनुशंसा आज तक कोल इंडिया की किसी भी कंपनी में सही रूप से लागू नहीं हो पायी। इस कमेटी का गठन वर्ष 2013 में किया गया था। कोल इंडिया प्रबंधन हर कंपनी में ठेका श्रमिकों का गलत आंकड़ा भी प्रस्तुत करता है। हर साल दुर्गा पूजा के समय ठेका श्रमिकों के लिए भी सालाना एक्सग्रेसिया का भुगतान किये जाने का एग्रीमेंट होता है, लेकिन भुगतान होता नहीं है।
क्या कहते हैं मजदूर नेता
एटक नेता रमेंद्र कुमार एवं सीटू नेता डीडी रामानंदन का कहना है कि मेडिकल अनफिट, पेंशन रिविजन, सीपीआरएमएस, ठेका मजदूरों का एचपीसी का लाभ, रिटायर कर्मियों को 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी राशि का भुगतान, आवास आवंटन का मामला अधर में है। मजदूर संगठन इसे लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि 20 मई 2023 को एनसीडीब्ल्यूए-11 पर हस्ताक्षर किया गया था। इसके बाद से अभी तक 24 माह के दरम्यान जेबीसीसीआइ स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की चार बैठकें हुई हैं।