शांतिनिकेतन के बाद झाड़ग्राम में मुख्यमंत्री निकालेंगी भाषा मार्च

राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम मुख्यमंत्री के मार्च से एक दिन पहले झाड़ग्राम पहुँचकर सब कुछ जाँचेंगे
फाइल फोटो
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झाड़ग्राम : कवि रवींद्रनाथ टैगोर की जन्मस्थली शांतिनिकेतन के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब झाड़ग्राम में भी भाजपा द्वारा भाषा पर किए जा रहे हमले के विरोध में मार्च निकालेंगी।
       सूत्रों से जानकारी मिली कि संभवतः यह मार्च बुधवार, 6 अगस्त को झाड़ग्राम स्थित राजबाड़ी चौराहे से सर्कस मैदान तक निकाला जाएगा, जिसमें आदिवासियों से लेकर पश्चिम मिदनापुर जिले के विभिन्न समुदाय और सामाजिक संगठन शामिल होंगे। कई प्रमुख लोगों के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। दलीय सूत्रों से जानकारी मिली कि इस संबंध में राज्य मंत्री फिरहाद हकीम की ओर से कोलकाता में विधानसभा भवन में एक बैठक हो चुकी है, जिसमें झाड़ग्राम के जिला तृणमूल अध्यक्ष विधायक दुलाल मुर्मू, बिनपुर विधायक देबनाथ हांसदा, गोपीबल्लभपुर विधायक खगेंद्रनाथ महतो और अन्य मौजूद थे। सूत्रों ने बताया है कि राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम मुख्यमंत्री के मार्च से एक दिन पहले झाड़ग्राम पहुँचकर सब कुछ जाँचेंगे।  विधायक देबनाथ हांसदा ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर मार्ग बदला जा सकता है। मालूम हो कि भाजपा शासित कई राज्यों से बंगालियों पर अत्याचार की खबरें सामने आईं। जिसके बाद तृणमूल मुखर हो गई और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार इस मुद्दे की निंदा की थी। इतना ही नहीं, इस संबंध में अदालत में मामला भी दायर किया गया था। कुछ दिन पहले हुए 21 जुलाई के सभा मंच से, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वह बोलना बंद नहीं करेंगी। उन्होंने इस आंदोलन की शुरुआत शांतिनिकेतन से की अब इस बार अगला पड़ाव झाड़ग्राम है। राजनीतिक हलके के एक वर्ग को लगता है कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों पर अत्याचार की घटनाओं का मतपेटी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। कई लोगों ने दावा किया है कि बंगाल भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि भगवा खेमे के समर्थक इसे फिर से तृणमूल की साजिश मान रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि यह अध्याय किस ओर जाता है।

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