चेस खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होना संभव है : अतनू लाहिड़ी

बच्चों को मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए दिया गया चेस खलने का प्रशिक्षण
चेस खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होना संभव है : अतनू लाहिड़ी
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आसनसोल : आधुनिक युग में बच्चे मोबाइल व नशे के आदी होते जा रहे हैं। घंटों बैठकर मोबाइल देखते रहते हैं। ऐसे बच्चों को मोबाइल की लत व नशे से बचाने के लिए कॉमनवेल्थ के पूर्व चेस चैंपियन सह भारतीय चेस टीम के पूर्व प्रशिक्षक अतनू लाहिड़ी के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों में बच्चों को मोबाइल व नशे से छुटकारा दिलाने के लिए चेस फॉर चेंज के माध्यम से उनका मानसिक विकास का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को कल्याणपुर स्थित इंडिया इंटरनेशनल स्कूल में चेस ओरिएनटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। स्कूल के विद्यार्थियों को अतनू लाहिड़ी ने चेस (शतरंज) कैसे खेलें का वर्कशॉप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि कोलकाता जैसे महानगरों को छोड़कर अन्य शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में चेस के माध्यम से बच्चों को बुरी लत से छुटकारा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हें चेस खेलने के लिए प्रेरित किया गया। बच्चे घंटों मोबाइल में लगे रहते हैं जिससे उनका मानसिक व शारीरिक नुकसान होता है। उन्हें इससे मुक्ति देने के लिए चेस खेलने का प्रशिक्षण दिया गया। चेस खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होना संभव है। इंडिया इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिष्ठा चंदा पाल ने कहा कि उनके स्कूल में बच्चों को शिक्षा के अलावा तैराकी, निशानेबाजी और अब चेस खेलने का प्रशिक्षण दिया गया ताकि विद्यार्थी समय की बर्बादी नहीं कर मोबाइल में लगने के बजाय चेस खेलकर अपना मानसिक विकास कर सकते हैं। चेस खेल में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनकर अपने शहर और देश का नाम रौशन कर सकते हैं। मौके पर इंडिया इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक सह निदेशक एके शर्मा, चेस एसोसिएशन के आसनसोल के अध्यक्ष मुकेश तोदी, कार्यकारी अध्यक्ष तपन दासगुप्ता, समाजसेविका मधु डुमरेवाल सहित अन्य कई शिक्षक व व्यापक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

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