बर्नपुर रिवर साइड स्कूल में स्टेम शिक्षा पर आधारित कार्यशाला का आयोजन

स्टेम शिक्षा कार्यशाला को लेकर जिला का प्रथम स्कूल बना बर्नपुर रिवर साइड स्कूल
बर्नपुर रिवर साइड स्कूल में स्टेम शिक्षा पर आधारित कार्यशाला का आयोजन
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बर्नपुर : बर्नपुर रिवर साइड स्कूल के निदेशक एवं प्राचार्य सुशील कुमार सिन्हा की पहल और मार्गदर्शन में सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स पश्चिम बंगाल चैप्टर के सहयोग से स्टेम शिक्षा पर एक दिवसीय जिला स्तरीय विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय गान और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के दौरान सुशील कुमार सिन्हा ने मुख्य अतिथि फॉर्मर डायरेक्टर रिसर्च एंड एकेडमिक एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च एमपी बिरला प्लैनेटेरियम कोलकाता और हॉनरेरी फैकल्टी फिजिक्स डिपार्टमेंट रेजिडेंसी यूनिवर्सिटी के सदस्य डॉक्टर देबी प्रसाद एवं डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर शिबेंदु शेखर रॉय का स्वागत पुष्पगुच्छ और शॉल देकर किया। वहीं विद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य सुशील कुमार सिन्हा ने अपने भाषण में स्टेम शिक्षा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एक ऐसे शिक्षण दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता है जो रटने से आगे बढ़कर छात्रों में आलोचनात्मक सोच और समस्या- समाधान कौशल के विकास को प्रोत्साहित करे। कार्यशाला की सबसे खास बात यह रही कि एक ही समय में तीन- तीन स्थानों पर कार्यक्रम चल रहा था। इनमें दो जगहों पर पेपर प्रेजेंटेशन तथा 17 विद्यालयों के 40 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने जो पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से आए थे, उन्होंने अनुभवात्मक शिक्षा, कौशल आधारित विषयों के लिए छात्रों को प्रेरित स्टेम शिक्षा और स्टेम में व्यवहारिक और हाथों हाथ सीखने की प्रक्रिया जैसे विषयों को विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया। विशिष्ट विचार-विमर्श के लिए अतिथि के रूप में डॉक्टर देबीप्रसाद और डॉक्टर शिबेंदु शेखर रॉय ने तीसरी कार्यशाला का भार संभाला, जिसमें बर्नपुर रिवर साइड स्कूल, बर्नपुर, चित्तरंजन सहित अन्य विद्यालयों के 40 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने सहभागी के रूप में इस कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के 24 विभिन्न विद्यालयों के 80 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने सहभागिता की और प्रस्तुतकर्ता के रूप में भाग लिया।

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