

नंदीग्राम: पूर्व मिदनापुर जिले के नंदीग्राम इलाका राजनीति के दृष्टिकोण से तृणमूल और भाजपा दोनों के लिए काफी महत्व रखता है। यही वह विधानसभा केंद्र हैं जहां से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हारना पड़ा। उसके बाद से जहां भाजपा नंदीग्राम में वही दबदबा बनाए रखने का पूरजोर प्रयास करने में जुटी है तो वहीं तृणमूल अपनी खोई जमीन को पाने के लिए कोशिश में लगी है और इसी के बीच नंदीग्राम में एक बार फिर से भाजपा के अंदर फूट पड़ती दिखाई दे रही है। तृणमूल की ओर से दावा किया गया है कि मंगलवार को भाजपा से 50 से अधिक स्थानीय नेता और कर्मी भाजपा को छोड़कर तृणमूल में शामिल हो गए हैं। वहीं तृणमूल के अंदर भी गुटबाजी दिखाई दे रही है।
नंदीग्राम में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जोरदार दस्तक दी थी लेकिन उसके बाद भाजपा के कई नेता कर्मी भाजपा को छोड़कर तृणमूल में चले गए हालांकि उनके तृणमूल में जाने को लेकर भाजपा के नेताओं को कोई खास फर्क नही पड़ रहा है। एक बार फिर से तृणमूल का दावा है कि आज 50 से अधिक नेता और कार्यकर्ता भाजपा से उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं। दूसरी ओर, तृणमूल के भीतर फिर से खुला गुटीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष नाराज होकर बैठक छोड़कर चले गए। जिसे लेकर जिले के राजनीतिक गलियारों में इसकी काफी चर्चा है। दलीय सूत्रों से जानकारी मिली कि नंदीग्राम के दो ब्लॉकों में सामुदायिक भवन में कार्यकर्ताओं के साथ शामिल होने का समारोह और समीक्षा बैठक हुई और उस बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने आरोप लगाया कि पूर्व ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष और वर्तमान जिला महासचिव का भाजपा से गहरा संबंध है। जिसे लेकर नारे लगने लगे। उस बैठक में वर्तमान जिला अध्यक्ष समेत विभिन्न स्तर के नेता मौजूद थे। उसी दौरान मंच के नीचे से कार्यकर्ताओं ने नंदीग्राम ब्लॉक नंबर 2 के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष अरुणाभ भुइयां के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। अंत में अरुणाभ को मंच से उतरते हुए देखा गया। हालांकि वे इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते थे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, कुछ लोग मुझे गाली दे रहे थे लेकिन हमारी पार्टी की बैठक है और कार्यकर्ता हमारी संपत्ति हैं, हो सकता है कि वे किसी कारण से गलतफहमी में हों, इसे ध्यान में रखते हुए मैं जिला अध्यक्ष की अनुमति लेकर बाहर आया हूं। इस बारे में भाजपा के तमलुक सांगठनिक उपाध्यक्ष प्रलय पाल का कहना है कि यह पूरी तरह से तृणमूल का अपना मामला है। हालांकि, उन्होंने तुरंत तृणमूल पर हमला तेज करते हुए कहा, मुझे नहीं लगता कि नंदीग्राम में ब्लॉक 2 में तृणमूल का अस्तित्व है। जो कुछ बचा है, वह अगले चुनाव में साफ हो जाएगा। 50 भाजपा के लोगों के पाला बदलने के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने सुना है कि दो एक कार्यकर्ता तृणमूल में गए हैं लेकिन कोई नेता नहीं गया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनाव आने तक इस तरह के कई बदलाव और राजनीतिक उठा पटक देखने को मिलेगी लेकिन असली खेल तो चुनाव में नंदीग्राम की जनता खेलेगी और उसके ही हाथों में सत्ता की गेंद होगी और समय आने पर ही पता चलेगा कि वह गेंद किसके पाले में जाएगी।