

जामुड़िया : शिक्षा चक्र एक के अंतर्गत आने वाले बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल आज अपनी बदहाली का रोना रोने के लिए मजबूर हो गया है। बता दें कि बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल हिंदी-बांग्ला माध्यम का संयुक्त विद्यालय है। इस वर्ष हिंदी एवं बांग्ला को मिलाकर कुल 92 विद्यार्थियों ने माध्यमिक की परीक्षा दी थी जिसमें मात्र 42 विद्यार्थियों ने माध्यमिक परीक्षा उतीर्ण की जिसमें अधिकांश विद्यार्थियों का नंबर काफी निराशाजनक रहा है। उल्लेखनीय है कि बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल में बांग्ला माध्यम के शिक्षक तो हैं लेकिन हिंदी पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। फिर भी बांग्ला से अच्छा तो हिंदीभाषी विद्यार्थियों ने परिणाम हासिल किया है जिसमें अंजली कुमारी नामक छात्रा ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रौशन किया है। विद्यालय के शिक्षक प्रभारी ने कहा कि उनके विद्यालय में मात्र 8 शिक्षक ही हैं जिस कारण बच्चों को सही शिक्षा नहीं मिल पी रही है। 2016 के पैनल को उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए जाने के बाद उनके विद्यालय से एक शिक्षक एवं ग्रुप सी के स्टाफ की कमी हो गई है। ऐसे में उनके पास करने के लिए कोई उपाय नहीं है।
विद्यालय की जर्जर हालत के लिए पास स्थित अवैध कोयला खदान भी बनी रोड़ा
बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल एक ऐसे भौगोलिक मानचित्र पर स्थित है जहां विद्यालय के चारों तरफ कोयला की अवैध खदानें भरी पड़ी हुई हैं। कोयला चोरों ने विद्यालय के चारों ओर अवैध खनन करने के लिए खदानों को खोल दिया था जो आज भी जारी है। इस विद्यालय के चारो ओर बैजंतीपुर, बागसिमुलिया, श्रीपुर, तीनपटिया, परिहारपुर आदि क्षेत्र के लोगों द्वारा अवैध खनन किया जाता था जो आज भी अनवरत जारी है। इस विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अविभावकों में अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति भय का माहौल बना हुआ रहता है। भाजपा नेता सह आवाहक संतोष सिंह ने कहा कि वामपंथियों ने अपने जमाने में कोयला की खदान की थी। आज तृणमूल कांग्रेस एक कदम आगे बढ़ कर कथित तौर पर अवैध ओसीपी का निर्माण कर कोयला चोरी को अंजाम दे रही है। वर्तमान सरकार ने पहले कोयला के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया। अब शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर विद्यालयों को बर्बाद करने की कसम खा ली है। आज बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल के अस्तित्व पर संकट के बादल छा गया है। इसके लिए वर्तमान तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार है।
2010 में ही बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल के अस्तित्व पर लग गया था ग्रहण
बागसिमुलिया ग्रुप हाई स्कूल का अपना एक इतिहास है। जानकारी के अनुसार जब निजी कोलियरी चलती थी, उस समय कामगारों के बच्चों के लिए विद्यालय की स्थापना की गई थी। वहीं 2010 में जब बामपंथी सरकार का अवसान का समय हुआ, उसी समय बागसिमुलिया में विद्यालय के एक विद्यार्थी की ट्रॉली के धक्के से मौत हो गई थी। घटना के बाद कोयला चोरों के समर्थन में तत्कालीन थाना प्रभारी सैकत राय ने कथित तौर पर उस समय के पार्षद सुबल नाथ, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिवंगत अब्दुल बारीक पर लाठीचार्ज करते हुए उन्हें घायल कर दिया था। उसी समय से विद्यालय की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी जो आज विद्यालय की मान्यता रद्द होने तक पहुंच गई है। माकपा जिला कमेटी सदस्य अब्दुल कयूम ने कहा कि आज विद्यालय का रिजल्ट खराब होने की वजह से विद्यालय की मान्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं।