बालू लदे ट्रकों को रोककर ग्रामवासियों ने किया प्रदर्शन

बालू गाड़ी रोक कर प्रदर्शन करती महिलाएँ
बालू गाड़ी रोक कर प्रदर्शन करती महिलाएँ
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रानीगंज : रानीगंज थाना के निमचा पुलिस फांड़ी अंतर्गत तिराट गांव के पास दामोदर नदी के बालू घाट पर बालू उठाव को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों का आरोप है कि बालू खनन में बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है, जबकि गांव के युवा बेरोजगार हैं। इस भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में गांव की महिलाओं ने एकजुट होकर सड़क को अवरुद्ध कर दिया और बालू से लदे ट्रकों को रोक दिया, जिससे घाट से वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

सड़कों की हालत जर्जर, स्थानीय युवाओं को मिले काम

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बालू लदे ट्रकों की लगातार आवाजाही से सड़कों की हालत जर्जर हो गई है। ग्रामीणों ने शिकायत की कि ओवरलोड ट्रकों के गुजरने से सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय महिला चंदना बाउरी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उसके गांव के युवक-युवतियां पढ़े-लिखे होने के बावजूद बेरोजगार घूम रहे हैं, जबकि यहां का बालू बाहरी लोगों को रोजगार दे रहा है। सड़कों की खराब हालत और उड़ती धूल के कारण बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

नदी का प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित होने की आशंका

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि दामोदर नदी में मैनुअल लोडिंग की जगह मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों का इस्तेमाल कर नदी के बीचों-बीच रास्ता बना दिया गया है, जिससे नदी का स्वाभाविक प्रवाह बाधित हो रहा है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के समक्ष इन मुद्दों को उठाते हुए समाधान की मांग की। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी था और घाट से आवागमन पूरी तरह बंद था। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस घटना से क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है और अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

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