

सांकतोड़िया : कुल्टी थाना के सांकतोड़िया फांड़ी क्षेत्र से सटे दामोदर नदी से बालू के अवैध खनन के कारण नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। अवैध बालू खनन के कारण नदी में जहां-तहां गहरे गड्ढे हो गये हैं जिन्हें खतरनाक कहा सकता है। दूसरी ओर हर दिन सरकारी राजस्व की भी क्षति हो रही है। अवैध बालू की ढुलाई ट्रैक्टरों से रात को अंधेरे में नौ बजे से शुरू होती है और रात भर चलती रहती है। पिछले दिनों कार्रवाई किए जाने के कारण एक-दो दिन बालू की ढुलाई बंद थी। इसके बाद फिर धीरे-धीरे अवैध बालू की ढुलाई तेज हो गयी। दामोदर नदी से बालू का अवैध खनन कर माफिया मालामाल हो रहे हैं। वहीं अवैध खनन के इस खेल में सरकारी खजाना को हर महीने करोड़ो रुपये का चूना लगाया जा रहा है। अवैध खनन रोकने के लिए सरकारी नियम कायदों का माखौल उड़ाया जा रहा है। खनन माफिया की मनमानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 16 चक्का ट्रक में नियमत: 700 से 800 सीएफटी बालू लोड किया जा सकता है लेकिन 1200 से 1300 सीएफटी बालू ओवरलोड कर ढुलाई हो रही है। सूत्रों के अनुसार जिले में करीब डेढ़ दर्जन विभिन्न जगहों पर दामोदर नदी से अवैध खनन का काला कारोबार किया जा रहा है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे खेल की खबर उच्चधिकारियों को लगने पर कभी- कभी खनन विभाग के अधिकारियों की नींद खुलती है और दिखाने के लिए दो-चार बालू लोड गाड़ियों को पकड़ कर खानापूर्ति कर दी जाती है। दामोदर नदी में कई घाट बने हैं जो विभिन्न थाना फांड़ी क्षेत्र अंतर्गत पड़ते हैं। सांकतोड़िया फांड़ी क्षेत्र से रोज लाखों रुपये के बालू का अवैध खनन खुलेआम चल रहा है। अब ऐसे में खनन विभाग को खबर नहीं हो, यह पचने वाली बात नहीं है। सवाल उठता है कि खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है ? स्थानीय लोगों ने कहा कि दामोदर नदी से लगातार बालू का उठाव होने से आसपास के गांवों का जलस्तर तेजी से नीचे गिरता जा रहा है, जिससे लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी दामोदर नदी से बालू का उठाव होने से हो रही है। लोग डीप बोरिंग करा रहे हैं, लेकिन पानी नहीं निकल रहा है। सांकतोड़िया फांड़ी के सामने से बालू लदे डम्पर गुजरते हैं, पुलिस सामने खड़ी रहती है परंतु कोई कार्रवाई नहीं करती है कारण है बंधी बंधाई रकम समय पर ठीक अपनी जगह पहुंच जाती है।
क्या कहते हैं बीएलआरओ अधिकारी
कुल्टी अंचल के बीएलआरओ अधिकारी सुशांतो चक्रवर्ती ने कहा कि अवैध खनन व परिवहन की सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि जिस दिन कार्यालय में छुट्टी रहती है, उस दिन ज्यादातर तस्करी होती है। रात में तस्करी की जाती है। अब रात भर सड़क पर खड़ा रहना तो संभव नहीं है। इसके लिए स्थानीय पुलिस को भी सहयोग करना पड़ेगा, तभी पूर्ण रूप से इस अवैध धंधे पर अंकुश लग पाएगा।
बालू खनन से तटों में आती हैं दरारें
स्थानीय विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार ने बताया कि बालू के अवैध उत्खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इसका खामियाजा हमारी आने वाली पीढ़ी भुगतेगी। इससे जल स्तर कम होता जा रहा है। बालू में पानी को सोखकर जमीन में संग्रहित करने की अत्याधिक क्षमता होती है। वहीं जब नदी में बालू ही नहीं रहेगा तो पानी का अवशोषण कैसे होगा। नदियों में बालू को संरक्षित करना बहुत जरूरी है। खनन माफिया के कारण गड्ढे में गिरने व डूबने से कई लोगों की जान चली जाती है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन का सभी को विरोध करना चाहिए। विभाग व प्रशासन दोनों ही अवैध उत्खनन को नहीं रोक सके जबकि एक दिन में पूरे जिले का अवैध उत्खनन रोका जा सकता है। कुल्टी ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष कंचन राय ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सख्त निर्देश है कि बालू खनन पर रोक लगाया जाये नहीं तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कुल्टी थाना सहित क्षेत्र के सभी फांड़ी प्रभारियों को अवैध बालू खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। अगर रोक नहीं लगायी गयी तो क्षेत्र के अधिकारी पर सरकारी गाज गिरेगी।