बीड़ी बनाने वाली का बेटा राज्य क्रिकेट टीम में हुआ शामिल

राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में खेलने रवाना हुआ हरियाणा
युवा क्रिकेटर विद्युत हलदर
युवा क्रिकेटर विद्युत हलदर
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मुर्शिदाबाद : पिता बीमारी से शैय्याशायी हो गये हैं। मां बीड़ी बनाकर संसार चलाती है। उस परिवार के बेटे का स्कूल क्रिकेट से राज्य टीम में चुनाव किया गया है और वह क्रिकेट खेलने हरियाणा चला गया है। इस कामयाबी की खबर फैलते ही लालगोला के लोगों में खुशी का माहौल है। वह प्रतिभाशाली युवक लालगोला पुलिस स्टेशन क्षेत्र के बहादुरपुर ग्राम पंचायत के कृष्णापुर न्यू बस स्टैंड इलाके का रहने वाला है। उसका नाम विद्युत हलदर है। गरीब परिवार में जन्मे और मछली मार्केट में लकड़ी काटकर दो सौ रुपये कमाने वाले इस लड़के का सपना क्रिकेटर बनने का था। इसी सपने को मन में बसाये उसने बचपन में ही बल्ला और गेंद उठा ली थी। उसने नेताजी कुंज क्लब में क्रिकेट की कोचिंग लेनी शुरू कर दी। यहीं से लालगोला एमएन एकेडमी के नौवीं क्लास के इस छात्र को कामयाबी मिली। हाल ही में बहरमपुर में हुए इंटर स्टेट स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता में विद्युत ने स्कूल क्रिकेट अधिकारियों का ध्यान खींचा। इसका नतीजा यह हुआ कि वह 19 साल से कम उम्र के 15 लोगों की स्कूल क्रिकेट टीम में अपना नाम लिखवा पाया। लालगोला का यह युवक मंगलवार को स्टेट स्कूल क्रिकेट टीम के साथ हावड़ा से हरियाणा के लिए रवाना हुआ। नेताजी कुंज के क्रिकेट कोच सौरव रॉय को उम्मीद है कि वह लेग स्पिनर और बैट्समैन रोहतक स्टेडियम में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में धमाल मचाएगा। उन्होंने कहा कि विद्युत के पिता विकास हलदर घूम-घूमकर चाय बेचते थे। इन दिनों वह काफी बीमार हैं। वहीं विद्युत ने कहा कि उसकी मां बीड़ी बांधकर परिवार चलाती है। उन्होंने उसकी मदद की और विश्वास जगाया जिस कारण आज वह राज्य की टीम में शामिल हो पाया है। अपने बेटे की इस सफलता पर मां ममता हलदर ने कहा कि उनका बेटा ही उनलोगों की एकमात्र उम्मीद है। उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन वह एक महान क्रिकेटर बनेगा।

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