

बर्दवान : जमीन बेचने का वादा करके एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक से 8 लाख रुपये ठगने के आरोप में बर्दवान थाना पुलिस ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए अभियुक्त का नाम देवेश घोष है, जो उलहास इलाके का रहने वाला है। उसे रविवार रात मिरछोबा इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी ने पैसे ऐंठने की बात कबूल कर ली है। सोमवार को देवेश घोष को बर्दवान के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी की जांच में गहराई से जाने और हथियाई गई रकम बरामद करने के लिए अभियुक्त की दस दिन की पुलिस हिरासत मांगी। प्रभारी सीजेएम ने छह दिन की पुलिस हिरासत मंजूर कर दी।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बर्दवान शहर की एक निर्माण कंपनी के निदेशक देबाशीष डे ने इस मामले में सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। सीजेएम ने मामला दर्ज कर बर्दवान थाने के आईसी को जांच के निर्देश दिए। देबाशीष डे ने अपनी शिकायत में बताया कि वह व्यावसायिक जरूरत के लिए एक बड़ी जमीन की तलाश कर रहे थे। यह बात पता चलने पर देवेश और उसके बेटे उनके पास आए और उन्हें बताया कि उनके पास बेचारहाट मौजा में 21 शत जमीन है। देबाशीष को वह जमीन पसंद आई और 21 शत जमीन की कीमत 1 करोड़ 90 लाख रुपये तय हुई। दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत देबाशीष ने चेक के माध्यम से दो किस्तों में 8 लाख रुपये बतौर अग्रिम भुगतान किए। समझौते में यह उल्लेख था कि कुछ दिनों बाद आरोपी रजिस्ट्री कर देंगे और रजिस्ट्री के दिन बाकी रकम का भुगतान किया जाएगा।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
अग्रिम भुगतान करने के बाद देबाशीष को पता चला कि वह जमीन किसी और को बेच दी गई है। उन्होंने तुरंत रजिस्ट्री कार्यालय में पता लगाया, जहां उन्हें पता चला कि अग्रिम भुगतान के तीन दिन के भीतर ही जमीन किसी और व्यक्ति को बेच दी गई थी। इतना ही नहीं, उन्हें यह भी पता चला कि जो जमीन उन्हें दिखाई गई थी, वह वास्तव में 18 शत थी, लेकिन भू-विभाग के साथ मिलीभगत करके उसे फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाकर 21 शत रिकॉर्ड कर दिया गया था। यह सब जानने के बाद, देबाशीष ने देवेश और उसके बेटे से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने थाना और एसपी को मामले की जानकारी दी और फिर कोर्ट में मामला दर्ज कराया।