

मिदनापुर : पश्चिम मिदनापुर जिले के शालबनी इलाके में एक बंदर ने लोगों का जीना हराम कर रखा है। उन वानर ने पिछले 7-8 दिनों से इस इलाके में लगभग 35 लोगों को नोच कर और काटकर घायल कर दिया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि उनमें से 3-4 की हालत गंभीर है। शालबनी और आस-पास के दो-तीन गाँवों के लोगों की जान बंदरों के हमले के कारण खतरे में है, यह बात पंचायत समिति अध्यक्ष से लेकर बीडीओ तक ने खुद स्वीकार की है। हालाँकि, वन विभाग उस शरारती बंदर को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बुधवार की पूरी रात कोशिश करने के बावजूद, आड़ाबाड़ी रेंज के वनकर्मी उसे पकड़ने में नाकाम रहे। रेंज अधिकारी ने बताया कि गुरुवार सुबह से फिर से प्रयास शुरू हो गए हैं लेकिन शाम तक वह बंदर पकड़ा नही जा सका।
वन विभाग और प्रशासन के सूत्रों के अनुसार एक छोटा बंदर पिछले 7-8 दिनों से शालबनी, चकतारिणी, तिलखुला आदि गांवों में उत्पात मचा रखा है जिसके कारण वहां के लोग काफी परेशान है। वह बंदर अचानक बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और पैदल चलने वालों पर हमला करता है। घरों के अंदर रसोई से लेकर बेडरूम तक में घुस जाता है। बीडीओ रोमन मंडल ने खुद कहा कि यह दो दिन पहले बीडीओ कार्यालय के क्वार्टर में घुस गया था। उन्होंने कहा, यह कहीं से अचानक आ गया। इसने कई लोगों को घायल कर दिया है। वन विभाग 3-4 दिनों से प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी तक इसे पकड़ नहीं पाया है। क्षेत्र के पंचायत समिति के पूर्व कार्यकारी निदेशक संदीप सिंह ने बताया, बंदर के अचानक हमले से इलाके के लोग दहशत में हैं। बच्चों, महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 35 लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं। अचानक एक व्यक्ति की गर्दन पर बंदर के काटने से उसकी गर्दन पर चोट लग गई। शुरुआती इलाज के बाद, उसके परिवार वाले उसे चेन्नई ले गए। इसके अलावा, 2-3 और लोगों को कोलकाता ले जाया गया है। ज़िले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सौम्यशंकर सारंगी ने बताया, बंदर के हमले में घायल हुए कई लोगों का शालबनी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बारे में, आड़ाबाड़ी रेंज के रेंज अधिकारी बबलू मांडी ने कहा, वह एक छोटा बंदर है। इसे पकड़ना बहुत मुश्किल हो रहा है। अभी यह स्टेशन से सटे इलाके में है। वह जाल में बिल्कुल नहीं फँस रहा है इधर-उधर भाग रहा है फिर भी, हम इस पर नज़र रख रहे हैं और उसे पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।