

मिदनापुर : पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा में ढाई साल पहले आदिवासी प्राथमिक शिक्षक लक्ष्मी राम टुडू की पीट पीटकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने पांच लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। मिदनापुर जिला अदालत के फर्स्ट कोर्ट के एडिशनल सेशन जज ने यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही हर दोषी पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर छह महीने की और सज़ा का आदेश दिया गया है। सजायाप्ता लोगों में अर्घ्य भुइयां, सुमन भुइयां, अर्घ्य के पिता रवि भुइयां और उनके दो रिश्तेदार सौमेन रक्षित और विष्णुपद दोलाई शामिल हैं। इस केस में 10 दिसंबर को पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को सज़ा सुनाने से पहले दोषियों के बयान सुने।
पुलिस और अदालती सूत्रों के मुताबिक, 13 मार्च 2023 की शाम को अर्घ्य भुइयां और सुमन भुइयां नाम के दो युवक पश्चिम मिदनापुर के डेबरा के सेरामपुर इलाके में रहने वाले लक्ष्मीराम टुडू (56) के घर के सामने तेज रफ्तार से बाइक चला रहे थे। इस बात पर उनका स्थानीय लोगों से झगड़ा हो गया। शोर सुनकर लख्खी राम टुडू घर से बाहर आ गए और उन्होंने भी तेज रफ्तार बाइक चलाने का विरोध किया और दोनों युवकों को जमकर डांटा। इसके बाद अर्घ्य और सुमन ने अपने और दोस्तों को फोन किया। थोड़ी ही देर में अर्घ्य के पिता रवि भुइयां पहुंच गए। उनके साथ सौमेन रक्षित और विष्णुपद दोलाई भी थे। उन पांचों ने मिलकर शिक्षक लख्खी राम की जमकर पिटाई की। स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गए। 14 मार्च की सुबह लख्खी राम टुडू की मौत हो गई। जैसे ही उनका शव गांव लौटा, स्थानीय और आदिवासी संगठनों के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया और अभियुक्तों के घरों में आग लगा दी गई उसके अलावा नेशनल हाईवे भी ब्लॉक कर दिया गया। हालांकि, घटना वाली रात को ही डेबरा थाने की पुलिस ने लख्खी राम के परिवार की लिखित शिकायत के आधार पर सभी पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था। उनमें से एक को बेल पर रिहा कर दिया गया था। कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, मामले की सुनवाई में 24 लोगों की गवाही दर्ज की गई। वादी के वकील अनुपम जाना ने कहा कि कोर्ट ने ट्रायल और गवाही के आधार पर पांचों लोगों को दोषी ठहराया था। जिस व्यक्ति को बेल दी गई थी, उसे भी कोर्ट ने 10 दिसंबर अर्थात बुधवार को हिरासत में ले लिया था। जज ने सरकार और आरोपियों के वकीलों के बयान सुनने के बाद फैसला सुनाया। फैसला सुनाए जाने के बाद, दोषी और उनके परिवार वाले कोर्ट परिसर में फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि वे फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। दूसरी ओर, मृतक टीचर की पत्नी श्रीमती टुडू ने कहा, उन्होंने मेरे पति को मार डाला और हमारे परिवार को खत्म कर दिया। अगर उन्हें फांसी दे दी जाती तो मुझे ज़्यादा खुशी होती।