

अंडाल : सीएमसी (HMS) के महासचिव एसके पांडे ने प्रबंधन पर बड़ा हमला बोला है। ईसीएल के बंकोला क्षेत्र अंतर्गत कुमारडीही 'ए' कोलियरी परिसर में संगठन के नए कार्यालय का उद्घाटन करते हुए, उन्होंने दावा किया कि ईसीएल के 80 प्रतिशत से अधिक अधिकारी (एजेंट मैनेजर) खदान के नीचे नहीं जाते हैं, फिर भी कंपनी सालाना करोड़ों रुपये का 'अंडरग्राउंड अलाउंस' बांट रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जो अधिकारी भूमिगत काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें यह विशेष भत्ता क्यों दिया जा रहा है ? उन्होंने कहा कि प्रबंधन मजदूरों के 'संडे कटौती' को लेकर सख्ती बरत रहा है लेकिन उन अधिकारियों को यूजी अलाउंस बांट रहा है जो खदान के नीचे जाते नहीं है। उन्होंने मांग की कि ईसीएल को ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए जो खदान में उतरे बिना अंडरग्राउंड अलाउंस ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया की कंपनी अंडरग्राउंड अलाउंस के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। वहीं कहा कि एजेंट, मैनेजर के खदान के नीचे नहीं जाने से माइंस सेफ्टी पर तथा उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
लेबर कोड और निजीकरण पर भी निशाना
एसके पांडे ने केंद्र सरकार के लेबर कोड को भी मजदूर विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार लेबर कोड लेकर आई है, उससे किसी भी मजदूर का भला नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार स्थायी श्रमिकों का विरोधी है। स्थायी श्रमिकों को रहने नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि आउट सोर्सिंग, एमडीओ और रेवेन्यू शेयरिंग ये सारे माध्यम धीरे-धीरे कंपनी को कमजोर करने का है। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन अनियमितताओं को दूर करने की पहल नहीं करता है तो HMS जोरदार आंदोलन छेड़ेगा।
कार्यालय उद्घाटन
सीएमसी (एचएमएस) के कुमारडीही 'ए' कोलियरी के सचिव दीनानाथ मुखर्जी और संगठन के सदस्यों के प्रयासों से बने नए कार्यालय का उद्घाटन एसके पांडेय ने किया। इस अवसर पर ईसीएल वेलफेयर बोर्ड सदस्य सह जिला परिषद उपाध्यक्ष विष्णुदेव नोनियां, कॉर्पोरेट सेफ्टी बोर्ड सदस्य सबे आलम, प्रफुल्ल चटर्जी, क्षेत्रीय सचिव मिंटू बनर्जी और संगठन के अन्य सदस्य उपस्थित थे।