ईसीएल ने किया 52.035 मिलियन टन कोयला उत्पादन, अधिभार हटाने में रच दिया इतिहास

कंपनी का 2024-25 में ओबीआर 188.94 मिलियन क्यूबिक मीटर रहा
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सांकतोड़िया : ईसीएल का 2024-25 में ओबीआर 188.94 मिलियन क्यूबिक मीटर रहा है। इस ओबीआर की बदौलत कंपनी को नए वित्तीय वर्ष में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उक्त बातें ईसीएल के सीएमडी सतीश झा ने ईसीएल मुख्यालय के सम्मेलन कक्ष में प्रेस वार्ता करते हुए कही। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा विभाग के सुमेधा भारती ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जनसंपर्क अधिकारी पिनाकी चट्टराज ने किया। मौके पर ईसीएल के निदेशक वित्त मोहम्मद अंजार आलम, तकनीकी निदेशक संचालन नीलाद्री राय, तकनीकी निदेशक योजना परियोजना गिरीश गोपीनाथ नायर, कंपनी सचिव रामबाबू पाठक, सीएमडी के तकनीकी सचिव सरोज कांति साहना, अबीर मुखोपाध्याय सहित अन्य लोग उपस्थित थे। अपने संबोधन में सतीश झा ने कहा कि ईस्टर्न कोल लिमिटेड (ईसीएल) ने वित्त वर्ष 2024-25 में स्थापना काल से लेकर अभी तक बेहतर प्रदर्शन किया है। कोयला उत्पादन, वित्तीय सफलता, स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। रिकॉर्ड-तोड़ परिचालन उपलब्धियों, अत्याधुनिक डिजिटल नवाचारों और स्वच्छ ऊर्जा और सामुदायिक कल्याण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, ईसीएल ने भारत के कोयला क्षेत्र में अपनी प्रमुख स्थिति की पुष्टि की है। कोल इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष का उत्पादन लक्ष्य तय कर दिया है। पिछले वित्तीय वर्ष में 54 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य पर काम करने वाली ईसीएल को 59 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) में ईसीएल ने करीब 52.035 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया था। इस बार लक्ष्य प्राप्ति के लिए ईसीएल को 7 मिलियन टन अतिरिक्त कोयला का उत्पादन करना होगा। उन्होंने कहा कि ईसीएल का कोल डिस्पैच में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13.76 फीसदी का ग्रोथ है। वहीं अधिभार हटाने में कंपनी ने रिकार्ड बनाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ओबीआर 188.94 मिलियन क्यूबिक रहा। इस ओबीआर की बदौलत कंपनी को नए वित्तीय वर्ष में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

चार मिलियन टन कम हुआ उत्पादन

सीएमडी सतीश झा ने कहा कि ईसीएल के झांझरा एरिया से 2 मिलियन और सालानपुर एरिया के मोहनपुर खुली खदान से 2 मिलियन टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है जिस कारण वे लोग उत्पादन लक्ष्य से पीछे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि मोहनपुर ओसीपी में आउटसोर्सिग कंपनी के भाग जाने के कारण वह लगभग 8 महीना बंद पड़ा रह गया। वह 2 मिलियन टन की खदान है। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में बेहतर प्रदर्शन करने की आशा रखी है।

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