

करवा चौथ सभी विवाहित महिलाओं के सौंदर्य से सीधे तौर से जुड़ा है। इस विशेष उत्सव पर सुहागन महिलायें सज धज कर पति की आरती उतार कर उनकी मंगल कामना करते हुए सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रख कर उनके लम्बे स्वास्थ्य जीवन की कामना करती हैं। करवा चौथ के पवित्र दिन सभी विवाहित महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी, बिन्दी तथा पूरे शृंगार के साथ दिन भर अपने जीवन साथी की लम्बी उम्र तथा सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए निर्जल व्रत तथा पूजा करती हैं। इस त्योहार में महिलाएं पूरे उत्साह से संजने संवरने के बाद अपने पति के लम्बी उम्र तथा स्वस्थ्य के लिए पूरे विधि विधानों के साथ व्रत और पूजा करती हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं श्री गणेश,माँ गौरी तथा चन्द्रमा की पूजा करती हैं। इस दिन महिलाओं में सजने संवरने का बहुत क्रेज होता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के सौन्दर्य में चाँद जैसा निखार उभरता है। हालांकि आजकल महिलाओं में सजने संवरने में ब्यूटी पार्लर और मॉल का प्रचलन शुरू हो गया है लेकिन अगर आप सचमुच सबसे अलग दिखना चाहती हैं तो ब्यूटी पार्लर के महंगे सौन्दर्य प्रसाधनों के बजाय घरेलू हर्बल प्रसाधनों के उपयोग से आप हुस्न की मलिका बन सकती हैं तथा आप दमकी-दमकी नज़र आएंगी चाहे मौसम का मिज़ाज़ कुछ भी हो।
करवा चौथ से पहले हाथों तथा पांवों की सुंदरता पर फोक्स करने के बाद मेहंदी लगाएं। मेहंदी लगाने के दो घण्टे बाद नीम्बू और चीनी के मिश्रण से इसे हटा दें।
आप अपनी त्वचा को साफ करके उस पर सनस्क्रीन तथा माइस्चराइजर का प्रयोग कीजिए तैलीय त्वचा के लिए एस्ट्रीजन्ट लोशन का प्रयोग करने के बाद पाउडर लगाएं। तैलीय त्वचा के लिए ज्यादा पाउडर का प्रयोग मत करें तथा चेहरे के तैलीय भागों पर ही ध्यान दें। पूरे चेहरे तथा गर्दन पर हल्की गीली स्पंज से पाउडर का प्रयोग करें। इससे चेहरे का सौंदर्य लम्बे समय तक बना रहता है। दो चम्मच गेहूं चोकर, एक चम्मच बादाम तेल, दही,शहद और गुलाब जल का पेस्ट बनाकर इसे चेहरे पर लगा कर 20 मिनट बाद धोने से चेहरे की सुन्दरता निखर जाती है तथा चेहरा खिला खिला रहता है।
अगर आप फाउंडेशन का प्रयोग करना चाहती हैं तो केवल जल आधारित फांउडेशन का ही प्रयोग करें तथा हल्के कवरेज के लिए एक या दो बूंद पानी प्रयोग में ला सकती हैं। फाउंडेशन जितना भी सम्भव है आपकी त्वचा के रंग से मेल खाती होनी चाहिए तथा उसके बाद पाउडर का उपयोग करें। चेहरे पर प्रकृति आभा के लिए अच्छी तरह ब्लेंड करके गालों को ब्लशर से चमकाएं।
आंखों की सुन्दरता के लिए अपनी पलकों को पेंसिल या काजल से चमकाएं। आंखों पर कोमल प्रभाव के लिए पलकों पर भूरी या स्लेटी आई शैडों का प्रयोग करें तथा इसके बाद मस्कारा का प्रयोग करें जिससे आंखों पर चमक आ जाएगी तथा मेकअप में भारीपन की दिखावट भी नहीं होगी। मस्कारा को एक भारी मुलम्मे के बजाय दो हल्की तहों में करना चाहिए। पहला कोट करने के बाद इसे सूखने दें तथा इसे कंघी या ब्रश कर लें। इसके बाद दूसरा कोट कीजिए तथा पहली प्रक्रिया को दोहराइये। इसके बाद दूसरा कोट कीजिए तथा पहली प्रक्रिया को दोहराइए।
लिपस्टिक की सुन्दरता के लिए घने गहरे रंगों का उपयोग न करें क्योंकि चमकीली लाइट में यह ज्यादा गहरे दिखाई देते हैं जिससे आपकी आभा पर विपरीत असर दिखाई देता है।
सौंदर्य पर चार चांद लगाने के लिए गुलाबी, ताम्रवर्णी, कांस्यवर्णी रंगों का प्रयोग करें। नारंगी रंग या नारंगी शेड का प्रयोग फैशन का नया प्रचलन है। विकल्प के तौर पर आप हल्के बैगनी तथा गुलाबी रंगों का प्रयोग भी कर सकती हैं लेकिन यह सभी रंग अत्यधिक चमकीले नहीं होने चाहिए।
बिन्दी करवा चौथ के सौन्दर्य का अभिन्न अंग मानी जाती है। अपनी पोशाक से मिलते जुलते रंग की सजावटी बिन्दी का प्रयोग करें। छोटे चमकीले रत्नों से जड़ित बिन्दी काफी आर्कषक लगती है। अपने सौन्दर्य में इत्र लगाना कभी न भूलें क्योंकि यह सोने पर सुहागे का काम करता है। उचित जीवनशैली अपनाने से चहरे पर चमक तथा उत्साह की झलक मिलती है। तेजस्वी आभा के लिए उचित पोषाहार, व्यायाम, पर्याप्त नींद, तथा विश्राम अत्यन्त आवश्यक है। त्यौहार से पहले हल्का व्यायाम तथा पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। पैदल चलना शारीरिक तथा मानसिक स्वस्थ्य दोनों के लिए अत्यन्त लाभकारी साबित होता है। मन की शान्ति तथा स्वास्थ्य के लिए लम्बी गहरी सांसें सबसे ज्यादा लाभप्रद मानी जाती है।
ड्रेस के तौर पर लहंगा चोली काफी लोकप्रिय हैं या महिलाएं घने अलंकृत कुर्ते के साथ सलवार - कुर्ते का प्रयोग भी कर सकती हैं। साड़ी के परम्पारिक तरीके से पहनने के बजाय इस तरीके से पहनना चाहिए ताकि सजावटी चोली तथा सघन आंचल की खूबसूरती साफ तौर पर झलकती रहे। सिली हुई साड़ियों का नया ट्रेंड चल पड़ा है जिसे आच्छादित नहीं करना पड़ता।
करवाचौथ के त्यौहार के दिन नई दुल्हनें तथा युवा महिलाएं दुल्हनों जैसी पोशाक पहनना पसन्द करती है जिससे उन्हें दुल्हन जैसा अहसास प्रदान होने का दुबारा अवसर मिलता है। आज के दौर में पारम्परिक लाल रंग के साथ-साथ गहरा गुलाबी रंग, हल्का गुलाबी रंग, हल्का नीला रंग, फिरोजी नीला रंग, हल्का बैगनी रंग, स्ट्राबेरी, कांस्य, जामुनी रंग भी काफी आकर्षक तथा लोकप्रिय माने जाते हैं। युवा महिलाओं में दो रंगों का मिश्रण भी काफी लोकप्रिय माना जाता है।
करवाचौथ में विवाह की तरह विभिन्न आर्कषक पोशाकें पहनी जा सकती हैं। इस त्यौहार में जरदोजी, जाली क्रेप तथा पतली रेशमी कपड़े वाली पोशाकों को उपयोग में लाया जा सकता है। इस त्यौहार में हीरे सहित सफेद या रंगीन रत्नों से जड़ित आभूषण प्रयोग में लाए जाते हैं। परम्परा पोशाक में आभूषण भी परम्परागत आकर्षक दिखाई देने चाहिए। लेकिन यदि आधुनिक लुक हो तो महिलाएं प्रभावशाली आधुनिक आभूषण भी पहन सकती हैं।
करवाचौथ में मुख्यतः परम्पारिक पोशाकों तथा परिधानों को ही पसन्द किया जाता है क्योंकि इनका सम्बन्ध व्रत तथा पूजा अर्चना से सीधे तौर पर जुड़ा है। हालांकि बदलते आधुनिक परिवेश में फिल्मों तथा फैशन का प्रभाव भी कुछ हद तक इस व्रत में दिखने में मिल जाता है।
(लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय हैं।)