कोयंबटूर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोयंबटूर पहुंचे, जहां वह प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। आगमन के बाद, प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे से कोयंबटूर जिला लघु उद्योग संघ (CODISSIA) मैदान तक लगभग दो किलोमीटर की दूरी तक रोड शो किया। आम जनता तथा पार्टी कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे।
उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये और लोगों ने प्रधानमंत्री के वाहन पर पुष्प वर्षा की। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, अन्नाद्रमुक प्रमुख एडप्पादी के पलानीस्वामी, टीएमसी (मूपनार) प्रमुख जी के वासन, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की।
प्रधानमंत्री ने यहां दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 के अंतर्गत एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और उन किसानों से बातचीत की जिन्होंने प्रदर्शनी में स्टॉल लगाए हैं। उन्होंने किसानों/उनके प्रतिनिधियों की बात सुनी जिन्होंने उन्हें प्रदर्शनी में प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी दी। किसान नेता पी आर पांडियन भी इस मौके पर मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जैविक, प्राकृतिक और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने वाली हस्तियों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने अपने सम्बोधन के दौरान बिहार चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मैंने रोड शो के दौरान किसानों को गमछा लहराते देखा तो ऐसा लगा जैसे बिहार की हवा तमिलनाडु में आ रही हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोयंबटूर का वस्त्र उद्योग अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है। जैविक खेती की बात करते हुए उन्होंने जैविक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती एक स्वदेशी, पारंपरिक विचार है जिस कारण जैविक खेती मेरे दिल के बहुत करीब है। जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मददगार होता है। जबकि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में कमी आई। भारत जैविक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर अग्रसर है।